झारखंड: पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर महत्वपूर्ण बात सामने आई है। दरअसल राज्य सरकार इस योजना का लाभ लेने वाले कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। इस निर्णय के तहत अब राज्य सरकार के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए शपथ पत्र देना होगा। दरअसल स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिज्योर की शर्तों को मानने के लिए शपथ पत्र अनिवार्य कर दिया गया है। शपथ पत्र में इस बात का विशेष तौर पर उल्लेख किया जाएगा कि कर्मचारी राज्य सरकार से किसी प्रकार का अतिरिक्त वित्तीय दावा नहीं करेंगे। इसको लेकर झारखंड के कर्मचारियों को शपथ पत्र देना होगा।
पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए शपथ पत्र देना अनिवार्य कर दिया है। जिसका प्रारूप भी जल्द ही जारी किया जाएगा और वित्त विभाग शपथ पत्र का प्रारूप विकसित करेगा। इससे संबंधित अधिसूचना वित्त विभाग ने जारी की है। राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को कुछ शर्तों के साथ लागू करने की सहमति दी है। ऐसे में एसओपी गठित करने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में 3 सदस्य कमेटी का गठन भी किया गया हैं साथ ही विभाग द्वारा संबंधित संस्थाओं से जमा राशि प्राप्त करने का हर संभव प्रयास करेंगे।
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक कार्यक्रम के दौरान पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की बात कही थी। मुख्यमंत्री सोरेन ने 15 अगस्त तक पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की बात कही थी। उन्होंने आगे कहा था कि “पुरानी पेंशन योजना को लेकर में आश्वस्त हूं कि मैं इसे बहाल जरूर करूंगा, क्योंकि मेरा प्रयास ईमानदार है”। मुख्यमंत्री सोरेन के इस बयान से राज्य के कर्मचारियों को उम्मीद है कि अब 45 दिनों के अंदर ही राज्य सरकार उनके लिए बड़ा कदम उठाएगी। क्योकि पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए राज्य भर के कई सरकारी कर्मचारी इसको लेकर काफी समय से मांग कर रहे है और लगातार आंदोलन भी कर रहे हैं।
आपको बता दें कि अगर पुरानी पेंशन योजना बहाल हो जाती है तो इससे करीब सवा लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। ऐसे देखा जाए तो 1 लाख 95 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं लेकिन पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों की संख्या करीब 1 लाख 35 हजार है।