जानिए कैसे भारत, अधिकांश देशों की तुलना में, कोविड- 19 संकट से निपटने में कहीं बेहतर ढंग से उभरा है।

Pinal Patidar
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Corona

यह कहना कि वर्तमान में हमारी दुनिया अज्ञात जल में है, एक प्रकार से ख़ामोशी होगी। इन्फ्लेशन में वृद्धि, बाधित फ़ूड सप्लाई, ह्यूमन डिस्प्लेसमेंट में वृद्धि, एक्सपोज्ड हेल्थ केयर सिस्टम, ठहरा हुआ एजुकेशन का स्तर, मुद्रा अस्थिरता, और लड़खड़ाता हुआ रोजगार सृजन, ये सभी बहुस्तरीय संकट के हानिकारक प्रभावों के संकेत हैं जो हर देश के सामर्थ्य या लचीलेपन का परीक्षण ले रहे हैं। हालांकि इसमें हमेशा ही डेबिट की गुंजाइश होती है लेकिन हाल की घटनाओं को देखते हुए कोई भी इस बात से इंकार नहीं कर सकता कि भारत, अधिकांश देशों की तुलना में, कोविड- 19 संकट से निपटने में कहीं बेहतर ढंग से उभरा है।

केवल पिछले 18 महीनों में, भारत ने वैक्सीन की 200 करोड़ खुराक दी है, जो कि उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और यूरोप जैसे तीन महाद्वीपों की कुल आबादी से अधिक है। मुझे विश्वास है कि दुनिया इसे ऐतिहासिक सीख के रूप में देखेगी। इस उपलब्धि का कोई ऐतिहासिक समानांतर नहीं है, यह भारत के वापसी करने की क्षमता का सत्यापन है। यह भारत के सामर्थ्य और लचीलेपन की पुष्टि है। भारत ने रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष में अपनी गरिमा को मजबूती से बनाए रखा है और साथ ही साथ अपनी जमीन भी बरकरार रखी है। भारत की कूटनीतिक स्थिति उसके विश्वास का प्रतीक है, और भारत के प्रत्येक नागरिक को इस बात पर गर्व महसूस करना चाहिए, वैश्विक दबाव के बावजूद अपने पक्ष को संभाला है। यह एक नए आत्मविश्वास वाले भारत का संकेत है और भविष्य के वर्षों के लिए इस बहुध्रुवीय दुनिया में एक अग्रदूत के रूप में खुद को देखने की उम्मीद करनी चाहिए।

इसके अलावा, हमें अक्सर जलवायु परिवर्तन पर व्याख्यान दिया गया है, जबकि हम उन बहुत कम देशों में से एक हैं जिन्होंने कोविड और ऊर्जा संकट के बावजूद, अपने रिन्यूएबल एनर्जी फूटप्रिंट्स को गति प्रदान की है। हमने यह काम ऐसे समय में किया है, जब कई विकसित देशों रिन्यूएबल एनर्जी गोल्स की तरफ कदम बढ़ाना रोक दिया है। 2015 के बाद से भारत की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता में लगभग 300% की वृद्धि हुई है। यहां तक कि रिन्यूएबल एनर्जी में पिछले वर्ष 20-21 की तुलना में कैपिटल इन्वेस्टमेंट के तहत आश्चर्यजनक रूप से 125% की वृद्धि देखी गई है। भारत को अब कोई रोकने नहीं जा रहा, क्योंकि भारत की बढ़ती मांग का 75% से अधिक, रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन के माध्यम से पूरा होने की उम्मीद है।

इस मामले में हमारी सरकार को इसका श्रेय दिया जाना चाहिए, जिस तरह से उसने अपनी भूमिका निभाई है और सर्वांगीण संतुलन अधिनियम को प्रबंधित किया है। साथ ही, कोविड संकट से बाहर आकर हम ऐसे माहौल में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गए हैं जहां कई अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाएं मंदी के कगार पर खड़ी हैं। हमें अपने कारोबार से मिले संकेतों को देखते हुए, मुझे विश्वास है कि इस चालू वर्ष में भारत का अनुमानित जीडीपी ग्रोथ नंबर 8% होगा, जो अपने आप में काफी बेहतर है। अब मैं अपनी कंपनी के बारे में बात करता हूं। अदाणी ग्रुप के लिए साल 2021-22 एक और ब्रेकआउट साल था। मैंने अक्सर कहा है कि हमारे अतीत में हमारा भरोसा, हमारे भविष्य में विश्वास करने की क्षमता को परिभाषित करता है, जिसका अनुवाद हम वर्तमान में किए गए बड़े बेटस में करते हैं। हम कभी भी भारत में निवेश करने से पीछे नहीं हटे हैं, और न ही हमने कभी अपने निवेश को धीमा किया है। हम मानते हैं कि हमारे पैमाने, विविध व्यवसाय और परफॉरमेंस के ट्रैक रिकॉर्ड ने हमें बाजार की विभिन्न स्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखने के लिए एक मजबूत स्थिति दी है। हमें आगे बढ़ने का भरोसा, हमारे देश और देशवासियों की आकांक्षाओं में हमारे विश्वास से आता है।

अदाणी समूह की सफलता, भारतीय विकास की कहानी के साथ इसके सामान उद्देश्य पर आधारित है, और यह मेरा दृढ़ विश्वास है कि भारत के समान कोई अन्य राष्ट्र नहीं है। भविष्य में हमारे विश्वास और भरोसे को प्रदर्शित करने वाला सबसे अच्छा सबूत, भारत के ग्रीन ट्रांजिशन को सुविधाजनक बनाने के लिए 70 बिलियन डॉलर का हमारा निवेश है। हम पहले से ही सोलर पावर में दुनिया के सबसे बड़े डेवलपर्स में से एक हैं। वहीं रिन्यूएबल एनर्जी में हमारी ताकत हमें ग्रीन हाइड्रोजन को, भविष्य का ईंधन बनाने के प्रयास में और अधिक सशक्त बनाएगी। हम भारत को तेल और गैस के आयात पर अत्यधिक निर्भर देश से, एक ऐसे देश में बदलने की दौड़ में सबसे आगे हैं, जो एक दिन क्लीन एनर्जी का नेट एक्सपोर्टर बन सकता है। एक ऐसा परिवर्तन जो असाधारण तरीके से भारत के एनर्जी फूटप्रिंट्स को फिर से आकार देने में मदद करेगा।

जबकि अब हमारे पास एक प्रमुख ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी पोर्टफोलियो है, बावजूद इसके हमने पिछले 12 महीनों में कई अन्य उद्योगों में भी आवश्यक प्रगति की है। एक झटके में हम भारत के सबसे बड़े एयरपोर्ट ऑपरेटर बन गए हैं। हमारे द्वारा संचालित किये जा रहे एयरपोर्ट्स के आसपास, हम एरोट्रोपोलिस विकसित करने और लोकल कम्युनिटी बेस्ड इकोनॉमिक सेंटर्स बनाने से जुड़े व्यवसायों में लगे हुए हैं।हम भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माता के रूप में विकसित हो रहे हैं, साथ ही देश के कुछ बड़े रोड कॉन्ट्रैक्ट्स जीत रहे हैं, जबकि पोर्ट्स, लॉजिस्टिक्स, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन, सिटी गैस व पाइप्ड नेचुरल गैस जैसे व्यवसायों में पहले से पर्याप्त मार्केट शेयर बढ़ रहा है। अदाणी विल्मर का हमारा सफल आईपीओ, हमें देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी बनाता है और भारत में होल्सिम की संपत्ति के अधिग्रहण के बाद, जिसमें देश भर में दो सबसे अधिक मान्यता प्राप्त ब्रांड, एसीसी और अंबुजा सीमेंट्स शामिल हैं, अब हम भारत में दूसरे सबसे बड़े सीमेंट निर्माता बन गए हैं। यह कार्यस्थल पर हमारे समीपता-आधारित बिज़नेस मॉडल का एक उपयोगी उदाहरण है। इसके अलावा, हमने डेटा सेंटर, डिजिटल सुपर ऐप और इंडस्ट्रियल क्लाउड से लेकर रक्षा और एयरोस्पेस, मेटल और मटेरियल तक के क्षेत्रों में भी एंट्री की है, और यह सभी सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं।

इस वर्ष हमारा ग्रुप मार्केट कैप्टलाइजेशन 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है। हम अंतरराष्ट्रीय बाजारों से अरबों डॉलर जुटाने में सक्षम थे, जो भारत और अदाणी के विकास की कहानी में खुद पर भरोसे का एक प्रत्यक्ष सत्यापन है। हमारे विकास और सफलता को दुनिया भर में मान्यता मिली है। कई विदेशी सरकारें, अब अपने भौगोलिक क्षेत्रों में काम करने और उनके इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में मदद करने के लिए हमसे संपर्क कर रही हैं। इसलिए 2022 में, हमने भारत की सीमाओं से परे, व्यापक विस्तार की तलाश की नींव रखी है। हमारे बढ़ते मार्केट कैप्टलाइजेशन को हमारे कैश फ्लो में, मजबूत और निरंतर वृद्धि का समर्थन मिला है। हमारे पोर्टफोलियो में ऑपरेशनल एक्सीलेंस पर हमारा ध्यान केंद्रित है और क्षमता वृद्धि ने 26% की ई बीआईटीडीए वृद्धि प्रदान की है। जबकि पोर्टफोलियो बीआईटीडीए 42,623 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 22 में यह डाइवर्सिफाइड ग्रोथ, हमारे व्यवसायों की विभिन्न श्रेणी में रिफ्लेक्शन से प्राप्त होती है। हमारे यूटिलिटी पोर्टफोलियो में 26% की वृद्धि हुई, वहीं हमारे ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स पोर्टफोलियो में 19% की वृद्धि हुई, हमारे एफएमसीजी पोर्टफोलियो में 34% की वृद्धि हुई, और हमारे इनक्यूबेटर बिज़नेस अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड में 45% की वृद्धि हुई। एईएल के यूनिक बिज़नेस मॉडल का कोई समानांतर नहीं है और हमारा इरादा इसका और अधिक लाभ उठाने का है। एईएल की उच्च वृद्धि, समूह को एक और बड़े दशक के लिए नए व्यवसायों के निरंतर विकास हेतु एक विश्वसनीय आधार प्रदान करती है।

आज हम पीछे मुड़कर देख सकते है और संतुष्टि महसूस कर सकते है, चूँकि आज हम एक वास्तविक गति प्राप्त कर रहे हैं। हम दो दशकों में जो हासिल करने में सक्षम हुए हैं, वह भारत का सबसे बड़ा इंटीग्रेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर बिज़नेस बनना है जो नजदीकी व्यवसायों में तेजी से विस्तार पर आधारित है। इसके परिणामस्वरूप हमारा परिवर्तन एक इंटीग्रेटेड ‘प्लेटफ़ॉर्म ऑफ़ प्लेटफ़ॉर्म’ में हुआ है, जो एक लॉजिस्टिक्स प्लेटफ़ॉर्म के साथ एक एनर्जी प्लेटफ़ॉर्म को जोड़ती है, यह दोनों ही हमें भारतीय उपभोक्ता तक अभूतपूर्व पहुँच में मदद करते हैं। मैं आज किसी ऐसी कंपनी के बारे में नहीं जानता, जिसके पास अगले कई दशकों तक असीमित बी2बी और बी2सी बाजार तक संभावित पहुंच के साथ इतना यूनिक बिजनेस मॉडल हो।

प्रिय शेयरधारकों, मैं एक असाध्य आशावादी हूं। मेरा हमेशा से मानना था कि भारत एक उद्यमी के लिए सीखने, विकसित होने और फलने-फूलने के लिए सबसे महान देशों में से एक है। आज, मैं देश के आर्थिक कद को पुनः प्राप्त करने और वैश्विक मामलों में एक प्रायमरी फ़ोर्स के रूप में हमारी स्थिति वापस पाने के लिए, युवाओं में एक वास्तविक शक्ति देखता हूं। जैसा कि मैंने अतीत में कहा है, अब तक का सबसे बड़ा मध्यम वर्ग भारतीय होगा, यह कामकाजी उम्र और उपभोग करने वाली जनसंख्या में वृद्धि के साथ बढ़ेगा, जो कई दशकों तक विश्व स्तर पर बेजोड़ रहने वाला है। इन सबका भारत के आर्थिक विकास पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और यह हमारे जनसांख्यिकीय लाभांश के परिणाम के तौर पर होगा। इस पहेली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा एक बेहतर प्रशिक्षित, बेहतर शिक्षित, स्वस्थ और तकनीकी रूप से फुर्तीला कार्यबल होगा और यह विश्वास कि वे अपनी आकांक्षाओं को प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं। मुझे कोई संदेह नहीं है कि हम इसे अगले दशक में सही साबित होते देखेंगे।

यहां पर मैं अपने कुछ विशेष शब्दों के साथ 2022 को एक वर्ष के रूप में प्रतिबिंबित करने के लिए कुछ क्षण लेना चाहता हूं। यह मेरे प्रेरक और आदर्श पिता श्री शांतिलाल अदाणी की 100वीं जयंती और मेरे 60वें जन्मदिन का प्रतिनिधित्व करता है। इस माइलस्टोन को चिह्नित करने के लिए, अदाणी परिवार एक साथ आया और विशेष रूप से ग्रामीण भारत पर ध्यान केंद्रित करते हुए, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कौशल विकास से संबंधित धर्मार्थ गतिविधियों के लिए 60,000 करोड़ रुपये का योगदान देने का फैसला किया। इन तीन क्षेत्रों को अलग-अलग के बजाय समग्र रूप से देखा जाना चाहिए, क्योंकि ये सामूहिक रूप से एक समान और भविष्य के लिए तैयार भारत के कार्यवाहक बनाते हैं। हमारे पास भारत में लाखों लोगों को स्थायी रूप से गरीबी से बाहर निकालने का अवसर है। हम इसके लिए न केवल अपने बल्कि अपने देश के भी ऋणी हैं। लार्ज प्रोजेक्ट प्लानिंग और निष्पादन में हमारा अनुभव और अदाणी फाउंडेशन द्वारा चल रहे कार्यों से सीखने से, हमें इन कार्यक्रमों को उन समाजों के क्षेत्रों में विशिष्ट रूप से गति देने तथा लागू करने में मदद मिलेगी, जिन्हें उनकी सबसे अधिक आवश्यकता है।