MP Board: मध्य प्रदेश सरकार इन दिनों एक नई तैयारी में जुटी हुई है. इससे छात्रों को बड़ा लाभ मिलने वाला है. बता दें कि प्रदेश में 700 से अधिक केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के स्कूलों को RTE पर छूट मिली है. लेकिन अब सरकार इन्हे भी RTE के अंतर्गत लाने की तैयारी में है. ऐसा होने से अधिक छात्रों को इसका लाभ मिलेगा.
इन स्कूलो में संचालक मंडल की और से अल्पसंख्यक सदस्यों को शामिल करने के बाद छूट ली जाती है जबकि यहां पढ़ने वाले अधिकतर स्टूडेंट्स बहुसंख्यक होते हैं. छूट का लाभ लेकर ये स्कूल कमजोर वर्ग के बच्चों को दी जाने वाली 25% निशुल्क सीट उपलब्ध कराने के नियम से बच जाते हैं. जिस पर रोक लगाने की तैयारी अब सरकार ने कर ली है. इसके लिए सरकार RTE के नियमों में संशोधन कर रही है. जिसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की तैयारी हो रही है. ये जानकारी स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के जरिए सामने आई है.
Must Read- 30 किलो नशीले पदार्थ जलाएं एनसीबी ने, गृह मंत्री शाह रहें मौजूद
बता दें कि मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग ने पिछले दिनों स्कूल लिखकर RTE नियमों में संशोधन करने की बात कही थी. भोपाल, इंदौर, जबलपुर, कटनी, सतना, ग्वालियर में निरिक्षण के दौरान बाल आयोग को कई चीजे देखने को मिली थी. जिसमे ये सामने आया था की कई कि कई मिशिनरी स्कूल बच्चों को RTE के तहत नहीं पढ़ा रहे है. बाल आयोग की मांग के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री ने जांच की बात कही है.
यूपीए की सरकार के समय स्कूलों ने अल्पसंख्यक घोषित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. तब कोर्ट ने ये आदेश दिया था कि शैक्षणिक संस्था में अगर अल्पसंख्यक सदस्य होंगे तभी उसे अल्पसंख्यक माना जाएगा. संस्थाओं ने इस आदेश का गलत फायदा उठाया है. जिसके बाद अब नियमों में संशोधन करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाने वाला है. प्रस्ताव में 51 फीसदी अल्पसंख्यक छात्र होने पर ही स्कूलों को छूट दी जाएगी.