मध्य प्रदेश में बीते एक सप्ताह से लगातार हो रही भारी बारिश के चलते प्रदेश के हालात बिगड़ रहे हैं। भारी बारिश के चलते प्रदेश की कई नदियां उफान पर हैं, जिसके चलते कई बांधों के गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। नदियों का जलस्तर बढ़ने के चलते नदी के किनारे पर बसी बस्तियों के डूबने का खतरा मंडरा रहा है। जबकि जिन जिलों में भारी बारिश हुई है वहां निचली बस्तियां जलमग्न हो गई हैं, जिसके चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भारी बारिश और आकाशीय बिजली की चपेट में आने के चलते कई लोग अपनी जान गवां चुके हैं। जबकि कई जगह घर गिरने और पेड़ गिरने से लोगों के जान माल का नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने बीते 24 घंटे में इंदौर, जबलपुर, नर्मदापुरम और उज्जैन संभाग के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
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बैतूल में ताप्ती नदी के पारसडोह डैम के 2 गेट खोले गए हैं। सारणी में सतपुड़ा डैम से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। प्रति सेकंड 67 क्यूबिक मीटर पानी छोड़ा जा रहा है। डैम के गेट खुलने से तापती, नर्मदा समेत छोटी नदियां भी उफान पर हैं।सिवनी में भारी बारिश के चलते नगर पालिका की बुधवारी तालाब स्थित कॉम्प्लेक्स की 6 दुकानें अचानक गिर गई। बताया जा रहा है कि दुकानें जर्जर हालत में थी और लंबे समय से उनका मेंटेनेंस नहीं हुआ था। वहीं, दुकानों के गिरने से दुकानदारों को लाखों का नुकसान हुआ है।
मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटे में इंदौर, जबलपुर, नर्मदापुरम और उज्जैन संभाग के जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। जबकि भोपाल संभाग के जिलों, सागर, दमोह उमरिया में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। साथ ही जबलपुर, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों, सागर, दमोह, उमरिया में गरज चमक के साथ बिजली गिरने की संभावना भी व्यक्त की है। मौसम विभाग की चेतावनी और तवा डैम के 10 गेट खोले जाने की स्थिति को देखते हुए जिले के 13 डीआरसी केन्द्रों के जवानों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। अतिवृष्टि से निर्मित बाढ़ की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश में अब तक बारिश और आकाशीय बिजली की चपेट में आने से करीब 100 लोगों की जान जा चुकी है।