आज 14 जुलाई (July) गुरूवार से पवित्र सावन (Sawan) मास का प्रारम्भ हो रहा है। मान्यता है कि सावन का यह पावन महीना आदिदेव महादेव भगवान भोलेशंकर को अतिप्रिय है। इस दौरान पवित्र मन और सात्विक विचारों से भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करने से सभी रोग, दोष और कष्टों का निवारण होता है और सुख,शांति और समृद्धि का प्रादुर्भाव होता है और साथ ही सकल मनोरथ की सिद्धि होती है । सावन मास को श्रावण या श्रावणी के नाम से भी जाना जाता है।
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इस बार प्रीति योग में हुआ है श्रावणी का प्रारम्भ
भगवान भोलेशंकर और माता पार्वती के शिव-शक्ति स्वरूप को समर्पित यह पवित्र सावन का महीना इस वर्ष परम विशिष्ट प्रीति संयोग में प्रारम्भ हो रहा है।
यह विशेष प्रीति योग आज 15 जुलाई गुरुवार सुबह 04 बजकर 16 मिनट से आरम्भ होकर 16 जुलाई को 12 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। यह विशिष्ट योग शिव और शक्ति की विशेष कृपा प्रीति दायक होता है और इसके अंतर्गत किया गया शिवपरिवार पूजन जीवन में हर क्षेत्र में यश और कीर्ति प्रदान करता है और घर परिवार और संबंधों में प्रीति और सोहर्द की वृद्धि करता है।
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पंचामृत और पवित्र जल से करें अभिषेक, अर्पित करें बिल्वपत्र और धतूरा
भगवान शिव अत्यंत सरलता से प्रसन्न होने वाले देव हैं, इसीलिए उन्हें महादेव की संज्ञा दी गई है। भगवान शिव की आराधना की विधि भी अत्यंत ही सरल है, किसी विशेष वस्तु की आवश्यकता इसके लिए अनिवार्य नहीं है। भगवान शिव का सावन मास में शुद्ध पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए, पंचामृत में पांच वस्तुओं का मिश्रण होता है जिनमे दूध,दही,घी,शहद और शक़्कर होते हैं। उसके बाद शुध्द जल में गंगा जल या अन्य पवित्र नदियों के जल को मिलाकर शिवपिंडी का अभिषेक करना चाहिए। ततपश्चात पुष्प, बिल्वपत्र और धतूरा आदि भगवान शिव को और सामान्य शृंगार सामग्री माता पार्वती को अर्पित करनी चाहिए। केवल श्रद्धा के पुष्पों को अर्पित करके भी आप शिव और शक्ति की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।