ग्वालियर- चंबल वीरों की माटी, गद्दारों को कभी माफ नहीं करती- कमलनाथ

Akanksha
Published on:

भोपाल – 18 अक्टूबर 2020
आज ग्वालियर-चंबल की धरती पर आया हूँ ,अपार जनसमूह देख कर मेरा खून बढ़ गया है। यह माटी वीरों की माटी है ,गद्दारों की माटी नहीं ,इसे कुछ लोगों ने गद्दारी कर बदनाम करने का काम किया है ,यहां के लोग गद्दारों को कभी माफ नहीं करते।
चुनाव लोकतंत्र का उत्सव होते हैं लेकिन यह कैसा उत्सव ? यह तो गद्दारी का उत्सव है, भाजपा ने प्रदेश की राजनीति को बिकाऊ बना दिया ,मध्यप्रदेश को देश भर में कलंकित कर दिया ,ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की बदनामी करने का प्रयास किया।ग्वालियर-चंबल की माटी के लोग सीमाओं पर सेना में देश के लोगों की सुरक्षा करते हैं, हमें उन पर गर्व है , इस पवित्र माटी को बदनाम करने व कलंकित करने का काम कुछ लोगों ने किया है ,ऐसे लोगों को कभी माफ नहीं करना है , उन्हें तो करारा जवाब देना है।
आपने 15 वर्ष शिवराज सिंह की सरकार देखी , आपने उन्हें पहचान लिया था कि आपके साथ धोखा हुआ है ,आपने उन्हें घर बैठा दिया और तय किया कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार लाएंगे।15 महीने बाद ही उन्होंने हमारी सरकार को गिरा कर आप के विश्वास के साथ ,आपके मत के साथ धोखा किया है।चुनाव में शिवराज जी जेब में नारियल लेकर चलते हैं लेकिन अब जैसे-जैसे चुनाव करीब आते जा रहे हैं , जनता को गुमराह करने के लिए अब वो ट्रक में नारियल लेकर चल रहे हैं “ उक्त संबोधन आज भिंड जिले के गोहद में कांग्रेस प्रत्याशी मेवाराम जाट व ग्वालियर जिले के डबरा में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे के समर्थन में आयोजित जनसभाओं में देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सौदेबाजी की राजनीति में भी कर सकता था लेकिन मुझे राजनीतिक सिद्धांतों की चिंता थी ,प्रदेश की छवि की चिंता थी ,मैं सौदेबाजी का पाप कर प्रदेश को बदनाम नहीं करना चाहता था , मुझे पद व कुर्सी की चिंता नहीं थी।
इस अवसर पर नाथ ने कहा कि बाबासाहेब आंबेडकर जिन्होंने संविधान बनाया, जिनका अफ्रीका सहित कई देश आज भी सम्मान करते हैं ,उनका चित्र लगाते हैं ,उनके बनाए संविधान व प्रजातंत्र के साथ भाजपा ने खिलवाड़ किया है।प्रदेश की जनता पर उपचुनाव का बोझ डाला ,लोकतंत्र को धन तंत्र में तब्दील कर दिया।15 वर्ष की सरकार के बाद उन्होंने कैसा प्रदेश हमें सौंपा , जिसमें कई चुनौतियां थी।किसानों की आत्महत्या ,महिलाओं पर अत्याचार ,बेरोजगारी ,भ्रष्टाचार में तो प्रदेश नंबर वन था ही ,कृषि क्षेत्र में भी कई चुनौतियां हमारे सामने थी।मैंने शुरुआत की कि किसानों को न्याय मिले ,कृषि क्षेत्र में क्रांति आए ,आप सब देख लें पिछले वर्ष धान का क्या भाव था और आज क्या भाव है ?
हमने किसानों का कर्ज माफ किया।1 जून से हम कर्ज माफी का तीसरा चरण प्रारंभ करने जा रहे थे जिसमें किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ होना था ,उसके प्रति हम आज भी वचनबद्ध है।हमारी सोच में किसान है ,नौजवान हैं ,हमें उनके भविष्य की चिंता है यही प्रदेश का भविष्य का निर्माण करेंगे।
मेरा प्रयास था कि प्रदेश में निवेश आये ,विश्वास का माहौल बने।शिवराज के राज में जितने उद्योग लगते नहीं थे , उससे ज़्यादा बंद हो जाते थे।आज मालनपुर की हालत देखिए ,वहां शराब के उद्योग ही नजर आते हैं।हमने 15 माह में अपनी नीति व नियत का परिचय दिया।
मुझे लगा था शिवराज सरकार जाने के बाद सुधर जाएंगे ,कलाकारी से बाज आयेंगे ,झूठ बोलना छोड़ देंगे लेकिन उनकी कलाकारी आज भी चालू है ,आज भी करोड़ों की झूठी घोषणाए कर रहे हैं।आपके सामने आएंगे कलाकारी करेंगे , कभी घुटनों के बल बैठ जाएंगे ,उन्हें तो मध्य प्रदेश छोड़ मुंबई जाना चाहिए , कलाकारी मुंबई जाकर करें , प्रदेश में नहीं।
मैंने उनसे कई बार कहा कि जनता के सामने आ जाएं अपने 15 साल का हिसाब लेकर ,मैं भी अपने 15 माह का हिसाब लेकर जनता के सामने आ जाता हूं। मैंने माफियाओं के खिलाफ ,मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान चलाया ,उसकी गवाह प्रदेश की जनता है।आज शिवराज सरकार में वापस माफिया राज आ गया है। उज्जैन में 14 लोगों की शराब माफियाओं के कारण मौत हो गई है।शिवराज जी भले कहे की जनता मेरी भगवान है लेकिन उनके भगवान तो माफिया है। मेरे साथ कोई रेत का ठेका नहीं जुड़ा है , मैंने तो प्रदेश में गौशालाएँ बनायी , ₹100 में 100 यूनिट बिजली दी ,किसानों के कृषि कृषि पंप का बिजली का बिल आधा किया ,पिछड़े वर्ग को 27% आरक्षण दिया ,क्या यह मेरा पाप था , गुनाह था ?आज शिवराज जी को नौजवानों की पीड़ा नहीं दिखती,किसानों की आवाज नहीं सुनाई देती ,उनके कान बंद है ,उनकी आंख बंद है , उनका तो सिर्फ़ मुंह चल रहा है।
किसान बिना दाम के, नौजवान बिना काम के तो जनता पूछ रही है , शिवराज जी बताओ आप किस काम के ?
किसानों के विरोध में केंद्र सरकार तीन काले कानून ले आई है ,मंडियों का निजीकरण करने जा रहे हैं ,जिससे किसान बर्बाद होंगे।अकाली दल ने भी जो वर्षों पुराना साथी है, इन्हें लात मार दी है , ये किसानों का भविष्य चौपट करना चाहते हैं।
यह चुनाव में प्रशासन का उपयोग करना चाहते हैं ,यह मतदाता को खरीदना चाहते हैं लेकिन यह जान ले कुछ नेता बिकाऊ हो सकते हैं, प्रदेश का मतदाता कभी बिकाऊ नहीं हो सकता। मैं भाजपा का बिल्ला जेब में लेकर चलने वाले अधिकारियों को चेतावनी देना चाहता हूं कि याद रखें तीन के बाद चार भी आएगी ,जनता  को गवाह बना कर आप से हिसाब लिया जाएगा।
यह उपचुनाव नहीं ,मध्यप्रदेश के भविष्य का चुनाव है ,आप कांग्रेस का ,कमलनाथ का साथ भले मत देना लेकिन सच्चाई का साथ जरूर देना।हम सब मिलकर प्रदेश का ऐसा नक्शा बनाएंगे ,ऐसी तस्वीर बनाएंगे, जहाँ एक विश्वास का माहौल हो।प्रदेश की तुलना छोटे प्रदेशों से नहीं बल्कि बड़े प्रदेशों से हो , जहाँ नौजवानो का भविष्य सुरक्षित रहे और किसानों की मजबूती बनी रहे।

गोहद की सभा को पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ,पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ,कांग्रेस प्रत्याशी मेवाराम जाटव ,मिर्ची बाबा ,केके मिश्रा आदि ने संबोधित किया।
बसपा के प्रभारी देवेंद्र पाठक ने अपने साथियों के साथ बसपा छोड़कर कांग्रेस में प्रवेश लिया।सोमराज सिंह नरवरिया ,देवदत्त चौधरी ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस में प्रवेश लिया ,आप पार्टी के महेश विमल ने भी कांग्रेस में प्रवेश लिया।
सभा के अंत में किसान नेता दशरथ सिंह गुर्जर के निधन पर 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

डबरा की सभा को पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ,पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधो आदि ने ने संबोधित किया।
सभा का संचालन पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव ने किया।
मंच पर रामनिवास रावत, हिना कावरे ,सोहन वाल्मीकि ,रंगनाथ तिवारी ,सुल्तान सिंह रावत ,कल्याण सिंह कंसाना आदि उपस्थित थे।