इंदौर : आमतौर पर आप सभी जानते है कि संतान का सुख इस दुनिया की सबसे खुशियों में शामिल है। लेकिन कई कारणों से दम्पति इस खुशी को हासिल नहीं कर पाते हैं। ऐसे सभी दंपतियों के लिए इंडेक्स अस्पताल का आईवीएफ डिपार्टमेंट वरदान साबित हो रहा है।
रविवार को आईवीएफ पद्धति के माध्यम से ही इंडेक्स अस्पताल में 26 वर्षीय महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। इंडेक्स अस्पताल में यह पहला आईवीएफ मैच्योर हुआ है। जिसकी सफलता का श्रेय इंडेक्स आईवीएफ डिपार्टमेंट के हेड डॉ गजेंद्र तोमर, डॉ पूजा देवधर और उनकी टीम को जाता है। इंडेक्स ग्रुप के चेयरमैन सुरेश सिंह भदौरिया ने दम्पति को अपने स्वस्थ बच्चे के जन्म पर बधाई दी।
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डॉ गजेंद्र तोमर ने आईवीएफ का प्रोसेस शुरू किया था। डॉ पूजा देवधर के मार्गदर्शन में ऑपरेशन किया गया। ऑपरेटिव सर्जन की टीम में डॉ खुशबु, डॉ आस्था शामिल थी। एनेस्थीशिया में डॉ अवनिंदर नय्यर के सुपरविजन में डॉ तान्या जैन और डॉ राम पांडे थे। आईवीएफ एक्सपर्ट बताते हैं कि आईवीएफ प्रक्रिया में महिला के एग और पुरुष के स्पर्म को लैब में फर्टिलाइज करके भ्रूण विकसित किया जाता है। इसके बाद उस भ्रूण को महिला के गर्भ में ट्रांसफर कर दिया जाता है। समय पूरा होने पर बच्चे का जन्म होता है।
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डॉ अवनिंदर नय्यर (डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट, इंडेक्स अस्पताल) ने बताया कि “आजकल की अनियमित जीवनशैली के कारण कई महिलाएं एवं पुरुष दोनों ही इनफर्टिलिटी का शिकार होते हैं और परिणामस्वरूप निःसन्तानता उनके जीवन की एक बड़ी समस्या बन जाती है। जो भी दम्पति इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे हैं उनके लिए आईवीएफ ट्रीटमेंट किसी वरदान से कम नहीं है। जब कोई महिला नैचुरली कंसीव नहीं कर पाती है तो इस स्थिति में आईवीएफ प्रक्रिया की मदद से उन्हें गर्भधारण करवाया जाता है।”