भोपाल। प्रदेश में शिवराज सरकार के लौटने के बाद से ही पूरे प्रदेश में माफियाओं के मामले और उनका हौसला और बढ़ता दिखाई दे रहा है। जिसके चलते, प्रदेश के नरसिंहपुर क्षेत्र में भी माफियों ने अवैध रेत खनन, अवैध शराब बिक्री, जुंआ, सट्टा आदि गैर कानूनी कामों ने रफ़्तार तब से पकड़ी है जब से सीएम शिवराज सिंह चौहान के करीबी पुलिस अधिकारी राजेश तिवारी ने अपराधियों पर अपना हाथ रख दिया।
बता दे कि, नरसिंहपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर रहने के बावजूद राजेश तिवारी ने कमीशन खोरी की, और पूरे जिले को बदनाम किया। वही, जनता की आवाज पर गाडरवारा की कांग्रेस विधायक सुनीता पटेल ने जिले की कानून व्यवस्था की रक्षा के लिए 21 सितंबर को भोपाल में स्थित विधायक विश्राम गृह में अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया।
साथ ही अधिकारी को हटाने के लिए गाडरवारा विधायक ने अपने मजबूत संकल्पों का परिचय देते हुए लगातार 13 दिनों की हड़ताल की। जिसका सफल परिणाम यह निकला कि, प्रदेश की शिवराज सरकार को गाडरवारा विधायक के आगे झुकना पड़ा और साथ ही आज अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश तिवारी व उप पुलिस अधीक्षक सीताराम यादव को स्थानांतरित कर भोपाल पदस्थ किया गया है। बता दे कि, विधायक सुनीता पटेल ने गांधी जी के सत्याग्रह को आत्मसात कर साहस का परिचय दिया और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मौजूदगी में उन्होंने अपनी हड़ताल खत्म की।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गाडरवारा में हुई घटना और पीड़िता की मौत की पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज नही करने पर सीएम चौहान को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि, “विधायक सुनीता पटेल शुरू से ही ऐसे भ्रष्ठ अधिकारियों को हटाने की मांग कर रहीं थी जो अपराधियों को संरक्षण दे रहे थे और आम जनता की सुनवाई नही कर रहे थे। यदि शिवराज सिंह चौहान विधायक सुनीता पटेल की मांग पर बेईमान व भ्रष्ट अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को पहले ही हटा देते तो शायद गाडरवारा में जो युवती के साथ बलात्कार की घटना हुई है वो नही होती।”
बता दे कि, इस मौके पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व सांसद रामेश्वर नीखरा, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पीसी शर्मा, जीतू पटवारी व विधायक आरिफ मसूद सहित अन्य कांग्रेस जन ने विशेष रूप से अपनी उपस्थिति दी।