सत्येन्द्र हर्षवाल
दिल्ली चुनाव में 70 सीटों में जहां AAP ने 62 पर जीत दर्ज की, वहीं भारतीय जनता पार्टी को 8 सीटें मिलीं हैं. आज ही
आम आदमी पार्टी ने की हे सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका MCD में चुनाव को लेकर, पंजाब चुनाव के रिजल्ट से उत्साहित, आम आदमी पार्टी के हर कार्यकर्ता में जोश है वही अरविंद केजरीवाल(Arvind Kejriwal) नई बिसात बिछाने के लिए पुरजोर कोशिश में है
जैसा कि आज ही मान ने घोषणा की की कुछ ऐसी घोषणा होने जा रही है जो आज तक किसी राज्य ने नही की ,,,दूसरी ओर बीजेपी भी चार राज्यो के चुनावी रिजल्ट से फुल्फॉम में है,लेकिन आगे की राह शायद ही आसान हो बीजेपी के लिए, कारण आने वाले दिनों में केजरीवाल (आप पार्टी) ऐसा ट्रेक तैयार कर देगी जिसको लेकर सभी राज्यो में उसे लेकर चर्चा होगी और यही आम आदमी पार्टी चाहती भी है,
अब अगर एक तराजू में वजन एक तरफ कम है तो दूसरी ओर का अपने आप बढ़ना लाजमी ही है, उसी तरह जनाधार खोती कोंग्रेस के वैकल्पिक रूप में उभर रही आम आदमी पार्टी कोंग्रेस का पर्याय बनने की पुरजोर कोशिश करेगी, ओर जैसा कि ऊपर लिखा कि मान कुछ ऐसी घोषणा करेंगे जिससे सभी आकर्षित हो तो अभी मान ने एक हेल्पलाइन नम्बर जारी करने की घोषणा की जिसमे कहा कि अगर कोई भी आपसे अधिकारी रिश्वत मांगता है तो उसकी शिकायत इस हेल्पलाइन पर करे,चुकी खोने के लिए आपके पास बहुत कुछ नही है मगर बीजेपी को भी अब लीक से हट कर जनहित ओर मुद्दों की राजनीति करना होगी,
अब वो जनता नही रही कि आपके डिसीजन लेने के सालों बाद उसको हकिगत पता चले ,आज अगर अमेरिका का राष्ट्रपति भी कोई निर्णय लेता है तो भारत की जनता यह जानती है कि इसके पीछे क्या कारण है, तो भारत की तो आप बात ही छोड़ दो,पंजाब चुनाव के बाद एक तरफ अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता बढ़ी है तो भाजपा का भी ग्राफ ऊपर गया है,भारत का नागरिक की तुरंत चमत्कार/तुरंत परिणाम की इच्छा अनादिकाल से बलवंत रही है,उसे फंतासी चीजे/बाते/चमत्कार/जादू पसंद है और यही शायद केजरीवाल ने पंजाब में जो कर दिखाया है उसी से जनता प्रभावित भी हो सकती है मुद्दाम बात बस यही है कि अब भाजपा के साथ साथ सभी पार्टियों को अपनी नई नीति बनानी पड़ेगी एक ही ढर्रे पर नही चल पाएगी अब राजनीति किसी की।
ओर चलते चलते यह चंद अशआर की
ख्वाहिशों का काफ़िला भी अजीब होता हैं,
वहीं से गुजरता हैं जहाँ रास्ता नहीं होता हैं.
यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता
मुझे गिरा के अगर तुम सँभल सको तो चलो
निदा फ़ाज़ली