समकालीन साहित्य में स्त्री जीवन का सफल चित्रण हुआ है- प्रसिद्ध लेखिका सीमा जैन

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प्रसिद्ध साहित्यकार सुभद्रा कुमारी चौहान की स्मृति में अखिल भारतीय महिला साहित्य समागम जिसका आयोजन घमासान डॉट कॉम ,वामा साहित्य मंच तथा मध्य प्रदेश साहित्य परिषद द्वारा इंदौर के जाल सभागृह में किया जा रहा है ।आज के सत्र में समकालीन साहित्य में मध्यम वर्गीय महिलाओं की भूमिका विषय पर बोलते हुए ग्वालियर की लेखिका सीमा जैन ने कहा कि मध्यम वर्ग समाज की समस्याएं साहित्य में बहुत अच्छे से मुखर हुई है उन्होंने कई उपन्यास तथा कहानियों का जिक्र किया।

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जयपुर से आई लेखिका लक्ष्मी शर्मा ने कहा कि मध्य वर्ग समाज में ही अपनी सुरक्षा देखता है साहित्य में मध्यम वर्ग का बहुत अच्छे से चित्रण होता है । स्त्री चित्रण साहित्य का मुख्य केंद्र रहा है आदि काल से लेकर आज तक आजादी के बाद नारियों से जुड़ी विडंबना को विभिन्न उपन्यासों में बहुत अच्छे से बताया गया है उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग का दायरा बढ़ गया है और मध्यमवर्गीय नारी को अनेक चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है वह परिवार के साथ रहते हुए भी खुद के लिए जीना चाहती है उन्होंने कहा कि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है कि स्त्री ही स्त्री की दुश्मन है ।