एमपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। दरअसल, प्रश्नकाल के चलते कांग्रेस के विधायकों ने जनजाति वर्ग के लिए अनुपूरक बजट में मात्र 400 रुपए का प्रावधान करने के लिए विरोध किया। इससे पहले भी इसको प्रश्नकाल स्थगित हुआ है। लेकिन जब वापस से इस पर कार्यवाही की गई तब भी कांग्रेस के विधायक आसंदी के सामने आकर नारेबाजी करते रहे।
ऐसे में बार बार विधानसभा अध्यक्ष विधायकों को समझाते रहे लेकिन वो नहीं माने। इसको देखते हुए सदन की कार्यवाही आगे बढ़ा दी गई। साथ ही कार्यसूची में उल्लेखित सभी विषयों को पूरा करवाया गया। इसके चलते वन मंत्री विजय शाह ने एमपी अपना विचार प्रस्तुत किया। उनका विचार मध्य प्रदेश का स्थिति रायन विनियमन संशोधन विधेयक पर था। लेकिन इस हंगामे के कारण इस पर चर्चा नहीं हुई। ऐसे में इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
इसी तरह शुरू लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण संशोधन विधेयक विचार के लिए रखा लेकिन उस पर भी चर्चा नहीं हो सकी और ध्वनि मत से उसे भी पारित कर दिया गया। हंगामे के बीच ही विधानसभा अध्यक्ष ने अशासकीय संकल्प की सूचना पढ़ी और उन्हें भी बिना चर्चा पारित कर दिया गया। फिर सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।