क्या चाचा-भतीजे फिर होंगे एक? शरद पवार ने दिया संकेत, महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज

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महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव पर सियासत गरमा गई है। लोकसभा चुनाव में अजित पवार की एनसीपी के फेल होने के बाद राजनीतिक संकट सामने आ गया है। बीते दिन अजित गुट के शीर्ष चार नेताओं द्वारा पार्टी छोड़ने के बाद और ज्यादा सियासी हलचल है। इस बीच अजित पवार के चाचा शरद के साथ आने पर सवाल उठने लगें है। अजित क्या फिर एनडीए छोड़ चाचा के साथ जाएंगे। इस पर अजित तो नही लेकिन चाचा शरद पवार ने बड़े संकेत दिए है।

दरअसल शरद पवार से जब ये पूछा गया कि क्या अजीत पवार के लिए आपकी पार्टी में कोई जगह है और उन्हें लिया जा सकता है तो उन्होंने इस बात से इनकार नहीं किया. शरद पवार ने कहा कि इस तरह के फैसले व्यक्तिगत स्तर पर नहीं लिए जा सकते। गौरतलब है कि शरद पवार से अलग होकर अजीत पवार खुद को साबित करने में पूरी तरह से फेल रहे हैं। जिसके बाद उनके साथ आए नेताओं में सियासी बेचौनी दिख रही है।

आगामी चुनाव को देखते हुए महाराष्ट्र एनडीए नें युवाओं को साधने के लिए ‘लाडला भाई योजना’ के तहत हर महीने 6 हजार रुपये देने का ऐलान कर चुनावी अभियान में जुट गए हैं. वहीं, लोकसभा के चुनाव में खुद को साबित करने में फेल रहे अजीत पवार से पीछा छुड़ाने का दबाव बीजेपी पर बढ़ता जा रहा है. जिसके चलते सवाल उठ रहे हैं कि क्या चाचा-भतीजे के बीच सुलह-समझौता का कोई फॉर्मूला बन सकता है?

बता दें बुधवार को पिंपरी चिंचवड़ से बड़ी संख्या में पूर्व नगरसेवक, अध्यक्ष और पूर्व विधायक ने अजित पवार की एनसीपी छोड़कर शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हो गए थे. लोकसभा चुनाव के बाद ही शरद पवार ने कहा था कि अजीत पवार के साथ गए नेता दोबारा से आना चाहते हैं. हाल ही में अजीत पवार के करीबी दिग्गज ओबीसी नेता छगन भुजबल ने भी शरद पवार से मुलाकात की थी, जिससे सियासी कयास तेज हो गए थे।