WHO ने किया बड़ा खुलासा, 100 फीसदी कारगर नहीं मंकीपॉक्स वैक्सीन

Author Picture
By Rohit KanudePublished On: August 18, 2022

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच वैक्सीन को लेकर बड़ा खुलासा किया हैं। WHO के तकनीकी प्रमुख रोसमंड लुईस ने कहा कि मंकीपॉकेस की वैक्सीन 100 फीसदा कारगर नहीं हैं। ऐसे में अब लोगों को खुद ही संक्रमण से बचाव करने होगें ताकि जोखिम कम हो सकें।

WHO के प्रमुख अनुसार, हर व्यक्ति यह पहले से महसूस कर सकता है कि वह जोखिम में है और इसे कम करने के लिए वैक्सीन पर ही निर्भर नहीं रहा जा सकता। सभी लोगों को पहले से ही ध्यान रखना है कि वह खुद को इस वायरस से बचाएं और सफाई को लेकर पूरा ध्यान रखें।

गौरतलब है कि, दुनिया भर में 92 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स के 35,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। वहीं, इस बीमारी से 12 लोगों की मौत हो गई है। लुईस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ मंकीपॉक्स की रोकथाम के लिए इन टीकों के “100 प्रतिशत प्रभावशाली होने की उम्मीद नहीं कर रहा है”।

Also Read : दिल्ली हाईकोर्ट : भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन पर दर्ज होगा रेप केस, 2018 में महिला ने लगाया था आरोप

इन देशों में है ज्यादा मामलें

वहीं, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेबियस ने कहा कि पिछले हफ्ते लगभग 7,500 मामले सामने आए, जो पिछले सप्ताह की तुलना में 20 प्रतिशत ज्यादा हैं। यूरोप और अमेरिका में सबसे ज्यादा मंकीपॉक्स के मामले सामने आ रहे हैं, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं।

ज्यादातर लोग आमतौर पर बिना इलाज के ही कुछ हफ्तों में मंकीपॉक्स से ठीक हो जाते हैं। इसके लक्षण शुरू में फ्लू जैसे होते हैं, जैसे बुखार, ठंड लगना और सूजी हुई लिम्फ नोड्स. डब्ल्यूएचओ के अनुसार यह वायरस छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और ऐसे व्यक्तियों में ज्यादा गंभीर हो सकता है जिनकी इम्युनिटी कम है।

मंकीपॉक्स वायरस ब्रोकन स्किन, रेस्पिरेटरी ट्रैक, आंख, नाक और मुंह और शारीरिक तरल पदार्थों के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश कर सकता है। मंकीपॉक्स एक जूनोटिक डिजीज है, यह जानवरों में उत्पन्न होता है और मध्य और पश्चिम अफ्रीका के दूरदराज के हिस्सों में ज्यादा पाया जाता है।