भारत में मौसम (Weather) का प्राचीन स्वरूप अब बीते कुछ वर्षों से पूरी तरह से परिवर्तनशील हो चुका है। जहां एक ओर देश के विभिन्न राज्यों में तापमान में पुराने औसत तापमान से कहीं अधिक गर्मी दर्ज की जा रही है , वहीं बारिश की स्थिति भी अब पुराने निर्धारित स्वरूप में देखने को नहीं मिल रही है। इस आश्चर्यजनक परिवर्तन के अंतर्गत जहां देश के अधिक वर्षा के लिए पहचाने जाने वाले राज्यों में सूखे स्थिति निर्मित होती नजर आ रही है, वहीं जिन राज्यों में जमीन बून्द बून्द पानी को तरसती थी वहां भारी बारिश से बाढ़ (flood) की स्थिति निर्मित हो रही है।
इस राज्य में नहीं गिरता था सामान्य पानी अब आ रही बाढ़
राजस्थान अपने पथरीले और रेतीले भौगोलिक स्वरूप के लिए जाना जाता रहा है। बड़े-बड़े मरुस्थल इस उष्ण राज्य की पहचान माने जाते रहे हैं। बारिश की स्थिति इस राज्य में देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी कमजोर रहा करती थी। गर्मियों के दिनों में यहां पीने के पानी का भी भयानक संकट देखने को मिलता रहा है। वहीं बीते कुछ वर्षों से और विशेषकर इस वर्ष राजस्थान में भारी बारिश से कई जिलों में बाढ़ के हालात निर्मित हो रहे हैं।
वैज्ञानिकों ने जताई चिंता
मौसम विभाग के अनुसार देश में इस प्रकार से भौगोलिक और जलवायु परिवर्तन चिंता का विषय है और साथ ही आने वाले समय में किसी बड़े संकट का संकेत भी हो सकता है। देश में बढ़ती जनसंख्या और बढ़ता प्रदूषण देश की जलवायु को बुरी तरह से प्रभावित कर रहे हैं और साथ ही प्राकृतिक जल निकासी की व्यवस्थाओं में कृतिम परिवर्तन भी इन चिंताजनक परिस्थितियों के लिए जिम्मेदार हैं।