हम सब का ऊंचा हुआ भाल

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बाबूजी के लाल आपने कर दिया कमाल मिली पद्मश्री आपको हम सबका ऊंचा हुआ भाल।।
गणतंत्र दिवस का यह सूरज, एक नई रोशनी लाया है।
गर्वोन्नात हुए हम सभी साथी तन मन सब हर्ष आया है।
झूम झूम कर नाचे गाए कदम थिरकते गलबहिया डाल। बाबूजी के लाल आपने कर दिया कमाल।।
आप ही से सीखा हमने, संघर्षों में भी मुस्कुराना, अभय होकर लक्ष्य सामने रख हर चुनौती पर विजय पाना।
लगन निष्ठा ईमानदारी भी खुश होकर बजा रहे करताल, बाबूजी के लाल आपने कर दिया कमाल।
खुशी का और गर्व का पैगाम लाई है नई भोर।
नई दुनिया के आंगन में नाच रहा हर मन का मोर।
उपलब्धियों के नव को छुए और मनाए जश्न हर साल। बाबूजी के लाल आपने कर दिया कमाल।।
सकारात्मक सोच को मिला आज सम्मान। अभय जी पर करते हम सब गर्व और अभिमान ऊंचा हुआ पत्रकारों का मस्तक, आज बहुत है हम खुशहाल। बाबूजी के लाल आपने कर दिया कमाल।। संकल्प का दिवस है आज एकता का बजाए साज। शिखर पर पहुंचे नईदुनिया हम सबका है बस यही काज। अभय जी के आदर्शों को बना लो अपनी ढाल।। बाबूजी के लाल आपने कर दिया कमाल।।