मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले थमने का नाम नही ले रहे है। हाल ही में खरगोन जिलें के महेश्वर से रिश्वत लेने का केस सामने आय़ा है। जनपद पंचायत महेश्वर के दो अधिकारियों का घूसखोरी के मामले में विपुस्था लोकायुक्त कार्यालय इंदौर ने कार्यवाही की है। यह कार्यवही शिकायत कर्ता के आधार पर की कई है। बता दें, रिश्वतखोरी का यह कोई पहला मामला नही है। इससे पहले भी ढेरो मामले सामने आए हैं, ज्यादातर मामले लाखो की रिश्वत के होते हैं।
पंचायत समन्वयक अधिकारी ने जीपीएफ (GPF) की 4.80 लाख रूपए की राशि देने के लिए 30 हजार रूपए मांगे थे। जब शिकायत कर्ता किशोर कुमार (68) बड़वाह निवासी ने इस मामले की जानकारी विपुस्थ लोकायुक्त कार्यालय को दी। इसके बाद अधिकारियो ने कार्यवाही करते हुए रंगे हाथों पकड़ा।
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आवेदक किशोर कुमार के अनुसार वे वर्ष 2016 में पंचायत समन्वयक अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं जिनके GPF की राशि रुपये 4.80 लाख आहरण करने के एवज़ में पंचायत समन्वयक अधिकारी महेश पवार एवं लेखापाल अशोक मेहता द्वारा 30, हज़ार रुपये की रिश्वत की माँग की जा रही थी
जिसकी शिकायत आवेदक द्वारा लोकायुक्त कार्यालय इंदौर में की गई। सत्यापन उपरांत शिकायत सही पाए जाने पर आज दिनांक 20.12.22 को आरोपी महेश पवार को आवेदक से रिश्वत राशि 10,000 लेते हुए तथा आरोपी अशोक मेहता को 500 रुपये लेते हुए ट्रैप किया गया। धारा 7 भ्रनिअ अंतर्गत कार्यवाही जारी है।