Violence Against Children: लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, जैसा कि यूनिसेफ के हालिया आंकड़ों से स्पष्ट होता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि हर आठ में से एक लड़की 18 साल की उम्र से पहले यौन हिंसा का शिकार होती है, जो इस मुद्दे की गंभीरता को दर्शाता है।
Violence Against Children: प्रभावित आयु वर्ग
विशेष रूप से, 14 से 17 साल की लड़कियां सबसे ज्यादा यौन हिंसा का शिकार होती हैं। यह समूह इस समस्या का सबसे बड़ा लक्षित वर्ग है, जिससे समाज में चिंता बढ़ी है।
भौगोलिक वितरण
यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में 370 मिलियन से अधिक लड़कियों ने 18 साल की उम्र से पहले यौन हिंसा का अनुभव किया है। सबसे ज्यादा यौन हिंसा के मामले युद्धग्रस्त इलाकों और विकासशील देशों में पाए जाते हैं।
सहारा क्षेत्र
विशेष रूप से, सहारा रेगिस्तान के पास के अफ्रीकी क्षेत्रों में यौन हिंसा की घटनाएं सबसे अधिक हैं। यहां लगभग 7.9 करोड़ लड़कियां इस समस्या से प्रभावित हैं।
एशिया और अन्य क्षेत्र
पूर्वी और दक्षिण-पूर्व एशिया में भी 73 मिलियन लड़कियां यौन हिंसा का शिकार होती हैं। यूरोप और उत्तरी अमेरिका में यह आंकड़ा 68 मिलियन है, जबकि लैटिन अमेरिका और कैरेबियन देशों में 4.5 मिलियन लड़कियां प्रभावित हैं। उत्तरी अफ्रीका और पश्चिम एशिया में 29 मिलियन लड़कियां यौन हिंसा से प्रभावित हैं, और ओशियानिया में यह संख्या 6 मिलियन है।
लड़कों पर भी प्रभाव
एक अनुमान के अनुसार, 24 से 31 मिलियन लड़कों और पुरुषों ने भी अपने बचपन में यौन हिंसा का अनुभव किया है, जिसका अर्थ है कि 11 में से एक लड़का इस समस्या का शिकार होता है।
डेटा संग्रहण
यूनिसेफ ने 2010 से 2022 के बीच 120 देशों से लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा के मामलों का डेटा एकत्र किया है। यह रिपोर्ट बताती है कि कमजोर संस्थाएं, राजनीतिक और सुरक्षा संकट, लड़कियों को अधिक खतरे में डालते हैं।
यूनिसेफ का अनुमान है कि 37 मिलियन से अधिक लड़कियां और महिलाएं यौन हिंसा या बलात्कार जैसी घटनाओं का शिकार हुई हैं। यह समस्या वैश्विक स्तर पर ध्यान देने की आवश्यकता को दर्शाती है, ताकि लड़कियों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा की जा सके।