उज्जैन : उज्जैन के साधु संतों में भी वर्चस्व की लड़ाई को लेकर घमासान मचा हुआ है। खबरों में भी संत समाज बीते कुछ दिनों से सुर्खियों में है। ताजा मामला अवधेश पुरी महाराज का है, जिसे संत समाज ने अपने ही समाज से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
अवधेश पुरी को संत समाज से बाहर करने का सार्वजनिक रूप से मीडिया के सामने ऐलान किया गया। हाल ही में षडदर्शन संत समाज तथा भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक आयोजित की गई थी इसमें यह स्पष्ट किया गया कि यदि जिस भी मंच पर अवधेश पुरी मौजूद रहेंगे उस पर संत समाज के प्रतिनिधि नहीं जाएंगे।
महाकाल मंदिर परिसर स्थित महानिर्वाणी अखाड़े में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता विनित गिरी महाराज ने की थी और इसमें उज्जैन के सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों के साथ ही षडदर्शन साधु समाज, अखिल भारतीय पुजारी महासंघ, अवंतिका तीर्थ पुरोहित संघ के सदस्य उपस्थित थे।
बैठक में यह भी बताया गया कि अवधेश पुरी स्वयं को महानिर्वाणी अखाड़ा का बताते है जबकि उनके गुरू ब्रह्मलीन प्रकाश पुरी ने अपने शिष्य पद के साथ ही अपने अखाड़े से बाहर कर दिया था इसके अलावा 13 नवंबर 2017 को भी षडदर्शन साधु समाज संभागीय परिषद और भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा उन्हें बहिष्कृत किया जा चुका है।