Eye Twitching : आंखों का फड़कना एक आम समस्या है, जिसे कई बार लोग शुभ या अशुभ संकेत मानते हैं, लेकिन असल में यह एक स्वास्थ्य संबंधित स्थिति है। मेडिकल टर्म्स में इसे ‘मायोकेमिया’ कहा जाता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें मुख्य रूप से विटामिनों की कमी, खासकर विटामिन B12, B6, और मैग्नेशियम की कमी है। शरीर में इन विटामिनों का संतुलन बनाए रखना आंखों की सेहत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
विटामिन की कमी और आंखों का फड़कना
मानव शरीर को ठीक से काम करने के लिए विभिन्न विटामिनों की आवश्यकता होती है, और इनकी कमी से शरीर पर कई नकरात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। विटामिन B12 और B6 की कमी विशेष रूप से आंखों के फड़कने का कारण बन सकती है। विटामिन B12 शरीर की कोशिकाओं और तंत्रिका तंत्र के लिए जरूरी होता है, और इसकी कमी से कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए विटामिन B12 की पर्याप्त मात्रा को बनाए रखना आंखों की सेहत के लिए अत्यंत आवश्यक है।
नींद की कमी और आंखों में फड़कन
आंखों का फड़कना नींद की कमी के कारण भी हो सकता है। जब शरीर को सही समय पर आराम नहीं मिलता, तो यह तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे आंखों में अनैच्छिक फड़कन होने लगता है। हालांकि, कई बार यह समस्या कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन अगर यह समस्या लंबी समय तक जारी रहे, तो यह कामकाजी जीवन को प्रभावित कर सकती है और तनाव व चिंता को बढ़ावा दे सकती है। ऐसे में सही इलाज और विशेषज्ञ से परामर्श आवश्यक हो सकता है।
आंखों के फड़कने से बचने के सरल उपाय
आंखों के फड़कने को रोकने के लिए कुछ सरल उपाय हैं जिन्हें अपनाया जा सकता है:
- अच्छी नींद लें: नींद की कमी सबसे बड़ा कारण हो सकता है। आरामदायक नींद से शरीर को राहत मिलती है, जिससे यह समस्या कम हो सकती है।
- विटामिन B12 से भरपूर आहार: विटामिन B12 के स्रोत जैसे दूध, अंडे, मछली और हरी पत्तेदार सब्जियां अपनी डाइट में शामिल करें।
- तनाव कम करें: अत्यधिक तनाव आंखों के फड़कने का एक अन्य कारण हो सकता है। तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान या हल्की एक्सरसाइज मदद कर सकती है।
- कैफिन और शराब का सेवन कम करें: ज्यादा कैफिन या शराब का सेवन भी आंखों के फड़कने का कारण बन सकता है।