दिल्ली में सफर करना हुआ महंगा, ऑटो-टैक्सी के किराये में हुई बढ़ोतरी, AAP सरकार से मिली मंजूरी

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देश में इस वक्त महंगाई से लोगों की कमर टूटी हुई है। वही भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सीएनजी (CNG) के दाम में बढ़ोतरी की वजह से किराये के दाम बढ़ा दिए गए है। इसके लिए केजरीवाल सरकार से मंजूरी भी मिल चुकी है। अब दिल्ली की सड़को पर सीएनजी से दौड़ने वाले वाहनों (ऑटो और टैक्सी) में पहले से ज्यादा किराया देकर सफर करना होगा।

बता दें, कुछ दिन पहले ही ऑटो और टैक्सी चालकों ने दिल्ली में किराए में संशोधन की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन भी किया थ। जिसके बाद दिल्ली सरकार ने किराया बढ़ाने के लिए कमेटी का गठन किया था। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर अब किराए में बढ़ोतरी की गई है। वही देशभर में भी लगातार सीएनजी के दाम बढ़ते ही जा रहे है।

मीटर दौड़ेगा, जेब होगा खाली

इससे पहले ऑटो का मीटर डेढ़ किमी के बाद 25 के बजाय 30 रुपये पर डाउन होगा और उसके बाद प्रति किमी 9.5 रुपए के बजाय 11 रुपये किराया लगेगा। वहीं न्यूनतम 40 रुपये किराये के बाद नॉन AC टैक्सियों के लिए यात्रियों को अब प्रति किलोमीटर 17 रुपए देने होंगे। पहले यह शुल्क 14 रुपये प्रति किलोमीटर था, जबकि एसी टैक्सी का किराया 16 रुपए प्रति किमी से बढ़ाकर 20 रुपये प्रति किमी किया गया है।

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दोगुना से अधिक दाम CNG के

गौरतलब है कि, दिल्ली सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में ही बढ़े हुए किराए पर मुहर लगा दी थी। तब उन्होंने कहा कि, ऑटो के किराए में आखिरी संशोधन 2020 में हुआ था, जबकि टैक्सी के लिए 9 साल पहले 2013 में बढ़ोतरी हुई थी। 2020 में सीएनजी का किराया 47 रुपये था, जो अब दोगुना से अधिक हो चुका है। इस मसले पर ऑटो रिक्शा और टैक्सी संगठनों की तरफ से सरकार से शिकायत की गई थी।

13 सदस्यों की कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट

शिकायर्ताओंं ने बताया कि,सीएनजी के बढ़ते दाम, ऑटो रिक्शा और टैक्सी की लागत और रखरखाव में खर्चा बहुत अधिक आ रहा है। इससे लागत के अनुरूप कमाई नहीं हो पा रही है। इस मामले में सरकार ने किराए की समीक्षा और सिफारिश करने के लिए मई 2022 में 13 सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने ब्लैक, येलो और इकोनॉमी टैक्सी के किराए में संशोधन करने की सिफारिश की थी, जिसकी समीक्षा की गई और दिल्ली सरकार ने किराए बढ़ाने के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया था।

कमेटी ने यह भी सिफारिश की थी कि प्रीमियम टैक्सी श्रेणी के लिए मौजूदा किराए में बदलाव न किया जाए, ताकि उन्हें उपयोगकर्ताओं के लिए बहुत महंगा होने से बचाया जा सके।