आज बुधवार, कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी/चतुर्दशी तिथि है। आज हस्त/ चित्रा नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
(उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
-आज रूप चतुर्दशी है।
-आज अपर रात्रि में (सूर्योदय के पूर्व) अभ्यंग स्नान करना चाहिए।
-भगवान श्रीकृष्ण ने आज ही के दिन नरकासुर का वध किया था।
-धनतेरस, नरक चतुर्दशी तथा दीपावली का सम्बन्ध विशेषत: यमराज देव से जुड़ा हुआ है। तीनों दिन उनके निमित्त दीपदान किया जाता है।
-रूप चतुर्दशी के दिन अपामार्ग की पत्ती और पौधे को पानी में भिगोकर स्नान करना चाहिए।
-रूप चौदस के दिन प्रदोष काल में चार बत्तियों वाला दीपक जलाना चाहिए। यमराज के निमित्त दीपदान के समय निम्न मन्त्र का उच्चारण करना चाहिए –
-दत्तो दीपश्चतुर्दश्यां नरकप्रीतये मया।
-चतुर्वर्तिसमायुक्त: सर्व पापापनुत्तये।।
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-आज चतुर्दशी के दिन 14 दीपक प्रज्वलित करने का विधान है। इसके अलावा सब अपनी – अपनी परम्परा अनुसार दीपक प्रज्वलित करें।
-आज चतुर्दशी के दिन भगवान वामन के विराट रूप ने दूसरे पग से पूरे अन्तरिक्ष को नाप लिया था।
-आज के दिन माता सीता ने हनुमानजी को अपना सौभाग्य द्रव्य सिन्दूर प्रदान किया था। इसलिए आज के दिन हनुमान जन्म उत्सव भी मनाया जाता है।
-इस दिन हनुमान जी ने सिन्दूर को अपने पूरे शरीर पर लपेट लिया था। आज के दिन हनुमान जी को तेल और सिन्दूर चढ़ाया जाता है।
-आज के दिन माता सीता ने हनुमानजी को अजर – अमर रहने का वरदान भी प्रदान किया था।
-तीन दिन तक दीपदान से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं।
विजय अड़ीचवाल