आज शनिवार, आश्विन शुक्ल तृतीया/चतुर्थी तिथि है। आज विशाखा नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
-नवरात्र में श्रीदुर्गा सप्तशती का पाठ समस्त संकटों के निवारण का अचूक अस्त्र है।
-पाठ में मन्त्रों की शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
-सम्पुट देकर पाठ करने से समस्त कामनाओं की सिद्धि होती है।
-स्त्रोत का पाठ मानसिक नहीं, वाचिक होना चाहिए।
-वाणी से स्पष्ट उच्चारण उत्तम माना गया है।
-56 श्लोक वाला माहत्त्म्य सहित देवी कवच का पाठ नियम से करने पर समस्त बाधाएं नष्ट हो जाती है।
-नवरात्र में रामरक्षा स्तोत्र, गुरु मन्त्र या अन्य मन्त्र का जो प्रतिदिन 7 बार पाठ करता है, वह सिद्ध हो जाता है।
-ऋतु परिवर्तन के साथ विभिन्न रोग – महामारी, ज्वर, कफ, खॉंसी आदि के निवारणार्थ शारदीय तथा वासन्ती – यह दो नवरात्र व्रत और दुर्गा – पूजा के लिए प्रशस्त हैं।
-किसी भी मानव शरीर में देवी – देवता के नाम पर होने वाली क्रीड़ा पर विश्वास न करें।
विजय अड़ीचवाल