ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन, भावनाओं और मानसिक स्थिरता का कारक माना गया है। नवग्रहों में चंद्रमा सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह है और वे हर ढाई दिन में अपनी स्थिति बदलते हैं। इसी कारण इनकी चाल में परिवर्तन से विभिन्न योग और राजयोग बनते हैं। आज, 12 अक्टूबर को चंद्रमा वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं, जहाँ पहले से ही गुरु ग्रह (बृहस्पति) विराजमान हैं — जो ज्ञान, बुद्धि, भाग्य और संतान के कारक हैं। जब चंद्रमा और गुरु एक साथ आते हैं तो गजकेसरी राजयोग बनता है, जो अत्यंत शुभ फल देने वाला माना जाता है। यह प्रभाव 14 अक्टूबर तक बना रहेगा।
गजकेसरी योग का महत्व क्या है?
ज्योतिष विद्या के अनुसार, गजकेसरी योग को अत्यंत मंगलकारी माना गया है। इस योग के प्रभाव से जातकों के जीवन में धन, मान-सम्मान और सफलता के नए द्वार खुलते हैं। यह योग व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत करता है और भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि करता है। जिन लोगों की कुंडली में यह योग बनता है, उन्हें समाज में विशेष पहचान और सम्मान मिलता है।
मिथुन राशि के जातकों के लिए लाभदायी समय
गजकेसरी योग मिथुन राशि वालों के लिए बेहद शुभ साबित हो सकता है। इस दौरान दांपत्य जीवन में मधुरता बढ़ेगी, और अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आने के योग बन रहे हैं। संतान पक्ष से सुख मिलेगा और परिवार में सौहार्द बढ़ेगा। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और भाग्य का साथ मिलेगा। जिन लोगों के घर या संपत्ति से जुड़े कार्य अटके हुए थे, उन्हें सफलता मिल सकती है। मिथुन राशि के जातक अपने लक्ष्यों को पाने और बड़े निर्णय लेने में सफल हो सकते हैं।
तुला राशि के जातकों को मिलेगा भाग्य का साथ
तुला राशि वालों के लिए यह योग कई सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा। पिता के साथ संबंधों में सुधार होगा और भाग्य उनका साथ देगा। बेरोजगार जातकों के लिए यह समय नौकरी के अवसर लेकर आएगा, जबकि विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलने के संकेत हैं। इस अवधि में वाहन या नया घर खरीदने के योग बन सकते हैं। व्यापार में विस्तार और आर्थिक स्थिरता प्राप्त हो सकती है। लंबे समय से चली आ रही परेशानियाँ समाप्त होंगी, और समाज में मान-सम्मान में वृद्धि होगी।
धनु राशि के जातकों के लिए सफलता का दौर
धनु राशि के लिए गजकेसरी योग किसी वरदान से कम नहीं है। करियर में तरक्की के साथ व्यापारिक क्षेत्र में भी लाभ के संकेत हैं। जो लोग नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, उनके लिए यह समय अत्यंत शुभ है। पार्टनरशिप बिजनेस में सफलता, अचानक रुका हुआ पैसा मिलना और नौकरी में प्रमोशन या वेतन वृद्धि जैसे लाभ संभव हैं। इस दौरान जीवन में सकारात्मकता और शांति का वातावरण रहेगा।
कब और कैसे बनता है गजकेसरी राजयोग?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब चंद्रमा और गुरु एक-दूसरे के केंद्र भाव (लग्न, चौथा, सातवाँ या दशम भाव) में स्थित होते हैं, तब यह योग बनता है। इसे प्रतीकात्मक रूप से “हाथी पर सवार सिंह” जैसा कहा गया है, क्योंकि यह योग व्यक्ति को जीवन में शक्तिशाली और सम्मानित बनाता है। यदि गुरु या चंद्रमा में से कोई एक उच्च राशि में हो, तो यह योग और भी प्रभावशाली माना जाता है।
12 से 14 अक्टूबर के बीच बनने वाला यह गजकेसरी योग कई जातकों के जीवन में समृद्धि, उन्नति और आत्मविश्वास लेकर आएगा। मिथुन, तुला और धनु राशि के जातकों को इसके सबसे अधिक शुभ फल मिलेंगे। इस अवधि में सकारात्मक सोच और कर्मशीलता के साथ आगे बढ़ने वाले लोग निश्चित रूप से सफलता के नए आयाम छू सकते हैं।