आज बुधवार, पौष कृष्ण तृतीया तिथि है। आज पुष्य नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
Also Read – Numerology : ये है आपका लकी नंबर और शुभ रंग, जानिए कैसा रहेगा दिन
-आज चतुर्थी व्रत है।
-चन्द्रोदय रात्रि 8:30 बजे होगा।
-कश्यप ऋषि की पत्नी सुरभि से 11 रुद्र उत्पन्न हुए।
-11 रुद्रों के नाम – कपाली, पिङ्गल, भीम, विरुपाक्ष, विलोहित, शास्ता, अजपाद्, अहिर्बुधन्य, शम्भू, चण्ड तथा भव है।
-ये सब शिवजी के अवतार हैं।
-आज भी शिव स्वरूप वे सभी महारुद्र देवताओं की रक्षा के लिए सदा स्वर्ग की ईशानपुरी में निवासरत हैं।
-इन 11 महारुद्रों के करोड़ों रुद्र कहे गए हैं, जो तीनों लोकों में विभक्त होकर चारों ओर सर्वत्र स्थित हैं।
-ये एकादश महारुद्र सबको सुख प्रदान करने वाले हैं।
-भगवान दत्तात्रेय ने संन्यास पद्धति का संवर्धन किया।
-शिवजी ने ब्रह्मर्षि अत्रि और अनसूया के यहां दुर्वासा के पुत्र के रूप में प्रकट होकर ब्रह्म तेज को बढ़ाया और दया पूर्वक अनेक भक्तों के धर्म की परीक्षा भी ली।
-हनुमान जी की माता अंजना गौतम ऋषि की कन्या थी।
-पार्वती जी के शाप से भैरव जी पृथ्वी लोक पर मनुष्य योनि में वेताल नाम से उत्पन्न हुए।
-शिवजी और पार्वती जी ने पृथ्वी लोक पर महेश और शारदा नाम से अवतार ग्रहण किया।
विजय अड़ीचवाल