Tithi : आज है माघ शुक्ल पक्ष तृतीया/चतुर्थी तिथि, रखें इन बातों का ध्यान

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आज शुक्रवार, माघ शुक्ल पक्ष तृतीया/चतुर्थी तिथि है। आज पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है।
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है

-आज विनायक तिल चतुर्थी है।
-आज की चतुर्थी को वरदा चतुर्थी, गौरी व्रत, कुण्ड चतुर्थी, शान्ति चतुर्थी, सुख चतुर्थी कहते हैं।
-आज की चतुर्थी का व्रत सुख, शान्ति और यम भय की निवृत्ति के लिए किया जाता है।
-वसंत पञ्चमी के दिन रति और कामदेव की भी पूजा की जाती है।

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-वसंत पञ्चमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा के साथ ही बालकों के अक्षरारम्भ एवं विद्यारम्भ का विधान किया जाता है।
-शास्त्रों में मां देवी सरस्वती की आराधना सार्वजनिक नहीं, व्यक्तिगत रूप से ही करने का विधान बतलाया गया है।
-सरस्वती रहस्योपनिषद्, प्रपञ्चसार, शारदा तिलक, संवत्सर प्रदीप, श्रीमद्देवी भागवत, श्रीदुर्गा सप्तशती तथा ब्रह्मवैवर्त आदि पुराणों व ग्रन्थों में भगवती सरस्वती के दिव्य स्वरूप तथा उनकी उपासना का विस्तृत वर्णन है। उनके व्रत – उपवास सम्बन्धी अनेक मन्त्र, यन्त्र, स्तोत्र, पटल, पद्धतियों तथा पूजन की विधि का स्पष्ट उल्लेख है।

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-सरस्वती देवी का मूल मन्त्र –
“श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा”
-उक्त मन्त्र को चार लाख बार जप करने से मन्त्र सिद्धि होती है।
-भगवान नारायण ने वाल्मीकि जी को उक्त मन्त्र प्रदान किया था।
-ब्रह्मवैवर्त पुराण के प्रकृति खण्ड में “विश्व विजय नामक सरस्वती कवच” का वर्णन भी है।

विजय अड़ीचवाल