आज बुधवार, माघ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि है।
आज धनिष्ठा नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)
-आज प्रातः 8:08 बजे से पञ्चक शुरू होंगे।
-आज से गुप्त नवरात्र प्रारम्भ।
-पञ्चक के नक्षत्र मुहूर्त्तों में गृह प्रवेश, भूमि पूजन, विवाह, भूमि, भूखण्ड की रजिस्ट्री कराना अति शुभ माना गया है।
-नर्मदा जयन्ती 8 फरवरी मङ्गलवार को है।
-8 फरवरी मङ्गलवार को मन्वादि तिथि भी है।
-मां नर्मदा अविवाहित नहीं हैं।
-इक्ष्वाकु कुल के राजा पुरूकुत्सु से मां नर्मदा ने विवाह किया था।
-इस ब्रह्मसृष्टि में नर्मदा जी का इस पृथ्वी पर तीन बार अवतरण हो चुका है।
-मां नर्मदा का पहला अवतरण आद्य कल्प के प्रथम सतयुग में हुआ था।
-उस समय पूरे जम्बूद्वीप में कोई भी नदी नहीं थी।
-मां नर्मदा का दूसरा अवतरण दक्षसावर्णि मन्वन्तर में हुआ था।
-तीसरा अवतरण राजा पुरूरवा के कार्यकाल में वैष्णव (वैवस्वत) मन्वन्तर में हुआ।
-तीनों अवतरण के समय मां नर्मदा पर्यंक पर्वत (अमरकण्टक) की चोटी पर होती हुई उस स्थान पर पहुंची, जहां पूर्वकाल में राजा पृथु ने अश्वमेध यज्ञ किया था। वहीं एक बांस के मूल भाग से महानदी नर्मदा निकली।
-त्रेतायुग के प्रथम भाग में गङ्गा, त्रेता के द्वितीय भाग में कालिन्दी, सरस्वती, सरयू तथा गण्डकी नदी पृथ्वी पर प्रकट हुई थीं।