Tithi: आज है फाल्गुन शुक्ल चतुर्दशी/पूर्णिमा तिथि, इन बातों का रखें ध्यान

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विजय अड़ीचवाल

आज गुरुवार, फाल्गुन शुक्ल चतुर्दशी/पूर्णिमा तिथि है।
आज पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
-( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)

-आज होली पूजन एवं दहन प्रदोष काल में।
-आज व्रत की पूर्णिमा है।
-आज महेश्वर व्रत, वृष दान व्रत, सर्वार्तिहर व्रत है।
-आज रात्रि को पूर्णिमा होने से आज चन्द्रोदय के समय सूर्य और चन्द्र दोनों का विधिपूर्वक पूजन करना चाहिए।
-आज चन्द्रोदय के समय देवी अनसूया के गर्भ से चन्द्रमा का जन्म हुआ था।
-आज सुपूजित शय्या दान करने का विशेष महत्त्व है।
-होली दहन के समय नवीन धान्य जौ, गेहूॅं,चने को होली की अग्नि में सेंकना चाहिए। इस क्रिया को सामान्यत: नवान्नेष्टि यज्ञ करना कहते हैं।
-सिंका हुआ अन्न, होली की थोड़ी सी भस्म और होली की अग्नि घर लाना चाहिए।
-होली दहन के पूर्व होली दण्ड को शीतल जल से अभिषिक्त करके उसे निकालकर अलग रख देना चाहिए।
-प्राचीन काल में स्त्रियां जल से भरे घड़े लिए हुए होली के चारों ओर इदम्मधु इदम्मधु कहती हुई नृत्य करती थीं।
-गावो हाऽऽरे सुरभय इदम्मधु,
गावो घृतस्य मातर इदम्मधु।
इस गीत पर स्त्री और पुरुष वीणा वादन करते थे और खूब नृत्य करते थे।