नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय ने आम आदमी पार्टी को ₹163.62 करोड़ की वसूली के लिए नोटिस जारी किया है। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मुख्य सचिव को सरकारी विज्ञापनों की आड़ में प्रकाशित राजनीतिक विज्ञापनों के लिए ‘आप’ से 97 करोड़ रुपये वसूलने का निर्देश दिया था, जिसके एक महीने बाद यह घटनाक्रम देखने को मिला है।
अरविंद केजरीवाल पर सरकारी विज्ञापनों के रूप में राजनीतिक विज्ञापनों को प्रकाशित करने का आरोप लगा है। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने निर्देश में कहा था कि AAP सरकार ने 2015 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश, 2016 के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश और 2016 के CCRGA के आदेश का उल्लंघन किया है, इसलिए उनसे यह वसूली की जाए। नोटिस में सरकारी धन का दुरुपयोग करके पार्टी को फायदा पहुंचाने की बात कही गई।
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सूचना एवं प्रचार निदेशालय द्वारा जारी वसूली नोटिस में राशि पर लगा ब्याज भी शामिल है और दिल्ली में सत्तारूढ़ ‘आप’ के लिए 10 दिन के अंदर पूरी राशि का भुगतान करना अनिवार्य है। सक्सेना ने राशि जमा नहीं कराने पर संपत्ति कुर्क करने सहित कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने 2019 के बाद जारी विज्ञापनों की जांच के भी आदेश दिए।
इस नोटिस में AAP को 10 दिन के भीतर पूरी राशि का भुगतान करने का भी अल्टीमेटम दिया गया। कहा गया है कि अगर समय से भुगतान नहीं किया गया तो नियमों के तहत पार्टी की संपत्तियों की कुर्की कराई जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों को लेकर 13 मई 2015 के गाइडलाइंस जारी की थीं। इसमें कहा गया था कि सरकारी विज्ञापनों का कंटेंट सरकार के संवैधानिक और कानूनी दायित्वों के साथ-साथ नागरिकों के अधिकारों व पात्रताओं के अनुरूप होनी चाहिए।