उत्तर प्रदेश के मेरठ में पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें कई श्रद्धालु गिरकर दब गए। यह घटना कथा के छठे दिन हुई, जब कथावाचन सुनने के लिए करीब एक लाख से अधिक लोग शताब्दीनगर स्थित आयोजन स्थल पर पहुंचे थे।
बताया जा रहा है कि महिलाएं और बुजुर्ग कथा सुनने के लिए पहुंची थीं, लेकिन बाउंसर्स ने उन्हें एंट्री गेट पर रोक दिया। इस वजह से भीड़ में धक्का-मुक्की शुरू हो गई और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। इस भगदड़ के दौरान पुलिस ने त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए बचाव कार्य शुरू किया।
कथा के छठे दिन हुआ हादसा
पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा का यह छठा दिन था, और लाखों श्रद्धालु कथा सुनने के लिए इकट्ठा हुए थे। बताया जा रहा है कि कथा के दौरान एक लाख से अधिक श्रद्धालु मौके पर उपस्थित थे, जिनमें अधिकतर महिलाएं और बुजुर्ग लोग शामिल थे। कथा स्थल पर एंट्री गेट पर बाउंसर्स ने श्रद्धालुओं को रोकने का प्रयास किया, जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई और भीड़ में धक्का-मुक्की होने लगी।
अफरातफरी के बीच शुरू हुआ बचाव कार्य
घटना के तुरंत बाद पुलिस और आयोजकों की टीमें घटनास्थल पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया। कई घायल श्रद्धालुओं को स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। पुलिस प्रशासन ने भीड़ को शांत करने की कोशिश की और श्रद्धालुओं से शांति बनाए रखने की अपील की।
आयोजकों की तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था
कथा आयोजन की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने कड़े इंतजाम किए थे। लगभग 1000 पुलिसकर्मी सुरक्षा में तैनात थे और सात पार्किंग स्थल बनाए गए थे, ताकि श्रद्धालुओं को पार्किंग की समस्या का सामना न करना पड़े। कथा पंडाल और उसके आसपास के क्षेत्र में ड्रोन के माध्यम से निगरानी रखी जा रही थी।
VVIP और लाखों श्रद्धालुओं की भीड़
कथा में कई वीवीआईपी भी शामिल हुए थे, जिनमें राजनीतिक और धार्मिक नेताओं के साथ-साथ समाज के अन्य बड़े लोग भी थे। आयोजकों ने दावा किया कि कथा को हर दिन लाखों श्रद्धालु सुनने के लिए पहुंचते हैं। प्रशासन ने सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था के लिए विशेष उपाय किए थे, हालांकि भगदड़ के बाद स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
कौन हैं पंडित प्रदीप मिश्रा
पंडित प्रदीप मिश्रा एक प्रसिद्ध कथावाचक हैं, जो मध्य प्रदेश के सीहोर से ताल्लुक रखते हैं। वे शिव महापुराण, राम कथा, और भगवद गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों की कथा सुनाते हैं। हाल ही में उनका एक विवादास्पद बयान भी चर्चा में आया था, जब उन्होंने वृंदावन की राधा रानी को लेकर एक तथ्यात्मक गलती की थी। इसके बाद उन्होंने मथुरा पहुंचकर राधा-रानी से माफी मांगी थी। पंडित मिश्रा के धार्मिक कार्यक्रमों में भारी भीड़ जुटती है, और उनकी कथा का प्रभावशाली तरीका उन्हें श्रद्धालुओं के बीच बहुत लोकप्रिय बनाता है।
पुलिस प्रशासन ने घटना के बाद शांति बनाए रखने की अपील की और बताया कि किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दिया जाए। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने सुरक्षा व्यवस्थाओं की निगरानी की और अधिकारियों ने इस घटना के बाद आवश्यक कदम उठाए।