संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से एक अच्छी खबर आई है। अब उन्हें 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करना पड़ेगा और उन्हें तय न्यूनतम वेतन भी मिलेगा।
काम के घंटे तय, वेतन की गारंटी
मध्यप्रदेश के श्रम आयुक्त ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के सभी विभागों को सख्त निर्देश दिए हैं कि संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों से अब 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं लिया जाएगा। इसके साथ ही, उन्हें न्यूनतम वेतन भी हर हाल में देना होगा। इस फैसले से राज्य में काम कर रहे करीब 1 लाख संविदा कर्मचारियों और 10 लाख से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारियों को सीधा फायदा होगा।
क्यों लिया गया यह फैसला?
यह कदम मध्यप्रदेश संविदा कर्मचारी-अधिकारी महासंघ की शिकायत के बाद उठाया गया। महासंघ ने आरोप लगाया था कि शिक्षा विभाग के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों और छात्रावासों में कर्मचारियों से 24 घंटे काम कराया जाता है, उन्हें छुट्टी नहीं मिलती और तय वेतन भी नहीं दिया जाता।
श्रम आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों से ज्यादा काम लेना मजदूरी और श्रम कानूनों का उल्लंघन है। इन नियमों के तहत हर कर्मचारी को तय कार्य समय, आराम और उचित वेतन का अधिकार है। आदेश का पालन हो रहा है या नहीं, इसकी मासिक रिपोर्ट हर महीने की 5 तारीख तक श्रम विभाग को भेजनी होगी।
कर्मचारियों को दोहरी राहत
काम के घंटे सीमित: अब किसी भी विभाग या संस्था में 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं लिया जाएगा।
न्यूनतम वेतन की गारंटी: सभी को तय न्यूनतम वेतन मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
यह फैसला कर्मचारियों के साथ-साथ उनके परिवारों के लिए भी राहत लेकर आया है। अब वे अपने परिवार को ज्यादा समय दे पाएंगे और आर्थिक रूप से भी सुरक्षित महसूस करेंगे।