शीतलकुमार ’अक्षय’
यूपी में चुनाव का जोर….ऐन वक्त पर कोई अपनी पार्टी छोड़ रहा है तो अन्य पार्टियों का दामन भी थाम रहा है…! सबसे अधिक ’बोम’ मारी है तो वह स्वामी प्रसाद मौर्य ने..! जिस स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा का दामन छोड़कर भाजपा का हाथ थामा था और उनके ही दम पर इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा उछल भी रही थी लेकिन अचानक यह हो गया कि उन्होंने भाजपा को अलविदा कह दिया…!
स्वामी का वर्चस्व आधे से अधिक यूपी में है…इसलिए इस विधानसभा चुनाव में भाजपा में उनके न होने का गम तो होगा ही…! हे योगी…हे मोदी…क्या आपके विजय रथ को स्वामी का ग्रहण लग गया है…! ऐसा विचार अवश्य ही विशेषकर यूपी के राजनीतिज्ञों में आ रहा होगा लेकिन इतना जरूर है कि कांग्रेस द्वारा महिलाओं को चालीस प्रतिशत टिकट देने और मौर्य के भाजपा छोड़ने वाले मामले को अब भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अति गंभीरता से अवश्य ही लेगा…!
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पता नहीं ओर अभी कितने झटके
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने यह सोचा भी नहीं होगा कि तीन दिनों में सात विधायकों ने भाजपा से इस्तीफा देकर चुनाव के वक्त झटका दिया है…झटके पर झटका…पता नहीं ओर अभी कितने झटके और भाजपा को सहन करना पड़ सकते है…! भाजपा का भीतरघात कहीं…! यहां उल्लेखनीय है कि विधायक मुकेश वर्मा , दारा सिंह चौहान ने भी बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले प्रमुख नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था। इसके बाद बृजेश प्रजापति, रोशन कुमार वर्मा, भगवती सागर, विनय कुमार शाक्य, अवतार सिंह भड़ाना ने पार्टी से इस्तीफा दिया है।