शादी का क्रेज हर किसी को रहता है। ऐसे में अगर आप भी शादी करना चाहते है और आपकी शादी में रुकावटे आ रही है तो उसके कई कारण हो सकते हैं। इनमें से सबसे बड़ा कारण होता है कुंडली के ग्रहों का। कहा जाता है कि जीवन में विवाह के योग बनते हैं लेकिन ग्रहों की वजह से वो टलते ही जाते हैं। वहीं दूसरा कारण योग बनने में भी समय लगता है। आज हम आपको इसके कुछ उपाय बताने जा रहे हैं जिससे आपके विवाह में आ रही सभी रुकावटे दूर हो जाएगी।
विवाह के योग –
बताया जा रहा है कि विवाह के योग उम्र के 27, 29, 31, 33, 35 व 37वें वर्ष में बनते हैं। लेकिन पहले के जमाने में 16 साल की उम्र में ही शादी कर दी जाती थी। क्योंकि कहा जाता है कि लड़की की कुंडली में गुरु और पुरुष की कुंडली में शुक्र बनाता है विवाह के योग।
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कैसे होता है विवाह में विलंब –
- बता दे, कई बार व्यक्ति विवाह करने से यूं ही इनकार कर देता है कि अभी नहीं करना विवाह। दरअसल, कई बार अच्छे रिश्ते के चक्कर में योग भी को टाल दिया जाता है। ये भी कहा जाता है कि करियर के चक्कर में भी वह विवाह नहीं करता है।
- कहा जाता है कि मांगलिक होना, पितृदोष होना या काल सर्पदोष होना भी विवाह में विलंब का एक कारण है।
- इसके अलावा जब सूर्य, मंगल या बुध लग्न या लग्न के स्वामी पर दृष्टि डालते हों और गुरु 12वें भाव में बैठा हो तो भी विवाह में देरी होती है।
- ज्योतिषों के अनुसार, यदि पहले या चतुर्थ भाव में मंगल हो और सप्तम भाव में शनि हो तो व्यक्ति की विवाह के प्रति उदासीनता के भाव रहते हैं।
- पहले भाव, सप्तम भाव में और बारहवें भाव में गुरु या शुभ ग्रह योग कारक न हो और चंद्रमा कमजोर हो तो विवाह में बाधाएं आती हैं।
- इसके अलावा अगर सप्तम भाव में शनि और गुरु की युति तो शादी देर से होती है। दरअसल, कई बार यह भी देखा गया है कि दोनों में से कोई एक ग्रह हो तो भी विवाह में अड़चन आती है।
- सप्तम भाव में बुध और शुक्र की युति हो तो भी विवाह तय होने में काफी अड़चने आती रहती है, जिसके चलते विवाह में विलंब हो जाता है।
- बताया जा रहा है कि चंद्र की राशि कर्क से गुरु सप्तम हो तो विवाह में बाधाएं आती हैं।
- सप्तम में त्रिक भाव का स्वामी हो, कोई शुभ ग्रह योगकारक नहीं हो तो विवाह में बाधाएं आती हैं या विवाह देर से होता है।
- यदि गुरु कमजोर या नीच का होकर बैठा हो, शत्रु भाव में या शत्रुओं के साथ बैठा हो तब भी विवाह में अड़चने आती हैं।
जल्दी शादी के लिए उपाय –
- सप्तम भाव का दोष है तो उपके उपाय करना चाहिए।
- लड़कों को शुक्र के उपाय करना चाहिए और लड़कियों को गुरु के उपाय करना चाहिए।
- मंगल दोष है तो उसका उज्जैन के मंगलनाथ में उपाय करें। कुंभ विवाह करें।
- पितृदोष या कालसर्पदोष हैं तो उसका नासिक का त्र्यंबकेश्वर में जाकर उपाय करें।
- शनिवार को पीपल की पूजा करें।
- पूर्णिमा के दिन वट वृक्ष की 108 परिक्रमा करें।
- गाय को घी की रोटी में गुड़ लपेटकर खिलाएं और हल्दी के पानी में आलू को उबालकर उसे ठंडा करके गाय को खिलाएं।
- गुरुवार और शुक्रवार को व्रत करें।
- अपने माथे पर केसर, हल्दी या चंदन का तिलक लगाएं।
- शुक्रवार के दिन दही स्नान करें, फिटकरी का कुल्ला करके सोएं।
- गुरुवार को केले के युगल जोड़ों की पूजा करें।
- ग्यारह शुक्रवार को माता पार्वती या दुर्गाजी के मंदिर में श्रीफल व चुनरी को अर्पित करें।