इंदौर : शहर के रामबाग मुक्तिधाम में स्वर्गारोहण इकाई से पर्यावरण अनुकूल शवदाह की शुरुआत हुई है। इस शवदाह गृह में 80 से 100 किलो लकड़ी में अंत्येष्टि हो जाएगी, जबकि आमतौर पर एक अंत्येष्टि में 300 किलो लकड़ी लगती है। इससे धुआं भी कम होगा और चिमनी के जरिए वह सीधे आसमान में जा रहा है।
बता दें कि, इससे आसपास का वातावरण भी प्रदूषित नहीं हो रहा है। मराठी सोशल ग्रुप ट्रस्ट ने हर साल लगने वाले जत्रा मेले से हुई आय से यह इकाई रामबाग मुक्तिधाम में लगाई है। ट्रस्ट के अध्यक्ष सुधीर दांडेकर और राजेश शाह ने बताया कि प्रदेश का पहला इकोफ्रेंडली शवदाह गृह रामबाग श्मशान में शुरू हुआ है।
गुजरात के कई शहरों में इस तरह के शवदाह गृहों का उपयोग हो रहा है। लकड़ी कम लगने से पर्यावरण के लिए भी यह शवदाह गृह काफी उपयोगी है। मेयर पुष्य मित्र भार्गव ने कहा कि शहर के छह विधानसभा क्षेत्रों में नगर निगम मोक्ष रथ का संचालन करेगा, ताकि शवयात्रा में उसका उपयोग लोग कर सकें। इस सेवा को निगम 311 एप से जोड़ा जाएगा। मेयर ने कहा कि पंचकुईया, जूनी इंदौर और रीजनल पार्क में भी यह इकोफ्रेंडली शवदाह गृह लगाए जाएंगे।