आस्था का जनसमुद्र, शिव महापुराण कथा ने तोड़ें सारे रिकॉर्ड

Suruchi
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नितिनमोहन शर्मा

शिव की सत्ता की महत्ता और शिव के गुणानुवाद का चमत्कार ऐसा तो कभी अहिल्या नगरी ने न देखा था और न सुना था जो पुराने इंदौर के दलाल बाग में घटा। अपने इष्ट के प्रति अटूट आस्था और व्यास पीठ पर विराजमान कथाकार पंडित प्रदीप मिश्रा के प्रति श्रद्धा व विश्वास के इस संगम ने…शहर के पश्चिमी हिस्से में लघु कुंभ बसा दिया। शेष शहर को ये अहसास भी नही होगा कि पुराने इंदौर के हिस्से में धर्म की ऐसी गंगा बही जिसमे देवी अहिल्या की नगरी में अब तक हुई सभी कथाओं के रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिये। संख्या के लिहाज से भी ओर आस्था के हिसाब से भी।

जजमान स्वयम हक्का बक्का रह गए कि ये क्या हुआ? झुंड के झुंड ओर जत्थे के जत्थे ऐसे उमड़ रहे है…जैसे कोई अर्द्धकुंभ का पर्व स्न्नान हो। एरोड्रम रोड के वीआईपी मार्ग ओर उससे लगे इलाके में दिन रात वैसे ही एक समान हो गए जैसे उज्जैन में सिंहस्थ के समय होते है।रात..रात नही लगती। लोग घर लौटने को तैयार नही। पांडाल में ही कड़कड़ाती ठंड में रातें गुजार रहे है। इंतजामात नाकाफी सिद्ध हो गए। अगल बगल की कालोनियों बस्ती ओर मोहल्लों से अनाम सेवादार जुट गए। बात धर्म की ओर शहर की मेहमाननवाजी की थी।

लिहाजा आस्था के इस महाकुंभ में ऐसे अनाम सेवाव्रती डट गए जो कड़कड़ाती ठंड में श्रद्धालुओं को चाय से लेकर भोजन तक लेकर आ रहे हैं। कोई ठंड से बचने के लिए कंबल बाट रहा तो कोई अलाव जला रहा है।
ये लोग ना तो आयोजक समिति से जुड़े है और ना ही कोई होडिंग में नजर आ रहे है। ना ही कोई सेवा करते हुए फोटो खिंचवा रहे है।ये सब लोग चुपचाप से धर्मप्रेमी जनता की सेवा कर रहे है। कोई चावल की खिचड़ी बाटता है कोई पूड़ी सब्जी बाटता है । कोई चाय बाटता है कोई रात मे ठूठरते भक्तों को कम्बल बाटता है! वो भी रोज समय पर। कोई सुबह गरमागरम चाय लेकर आ जाता है तो कोई पोहा बlटता है।

दिन के आलम के तो क्या कहने। जिसे वीआईपी रूट्स कहा जाता है…वो सड़क के दोनो हिस्से श्रद्धालुओं से पट जाते है। लोग सड़क पर डेरा डालकर बैठ जाते है। पांडाल तो सुबह 11 बजे ही भरा जाता है। जबकि कथा दोपहर 2 बजे बाद शुरू होती है। पांडाल में प्रवेश के सातों दरवाज़े तो घण्टेभर में ही बन्द करना पड़ते है। सड़को से लेकर मकानों की छतों तक लोग बैठकर शिव महापुराण सुन रहे है।

रात का नज़ारा भी देखने लायक। जितने पांडाल में, उससे पांच दस गुना पांडाल में प्रवेश करने को लालायित। व्यास पीठ की परिक्रमा करने वालो की मिलो लम्बी कतार रात 12 बजे बाद तक लग रही है। आसपास मेले जैसा नज़ारा। वीआईपी रॉड से लेकर कंडिलपुरा चोराहा ओर अग्रसैन नगर से लेकर बड़ा गणपति तक जनसमुद्र हिलोर मारता है। रामचन्द्र नगर और 60 फीट तक इस हिलोर का आनंद बरस रहा है।

प. मिश्रा ने राहुल की तारीफ़ की

प. प्रदीप मिश्रा भी भारत जोड़ो यात्रा के जरिये पसीना बहा रहे राहुल गांधी की तारीफ़ करे बगेर नही रहे। ये प्रशंसा उन्होंने तब करी, जब उनसे आशीर्वाद लेने पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ बेटे नकुलनाथ के साथ पहुंचे। मल्हारगंज में जहा मिश्रा ठहरे है वहा पहुचते ही नाथ ने शीश झुकाया ओर उन्हें यात्रा की व्यस्तता की जानकारी दी।

इस पर पँडित मिश्रा ने भी यात्रा की ओर राहुल गांधी की तारीफ की। नाथ ने महाराज को अपने गृह क्षेत्र में स्थित हनुमान मंदिर के विषय मे जानकारी दी और अपनी हनुमंत भक्ति के विषय मे बताते हुए उन्हें छिंदवाड़ा कथा के लिए आमंत्रित भी कर लिया ओर कथा के बंदोबस्त हाथों हाथ संजय शुक्ला के खास सुनील अग्रवाल को ये कहते हुए सौप भी दिया कि जैसे यहां का सब कुछ जमाया, वहां भी संभालना है।

महिला बाऊंसर और कथा का बंदोबस्त

शिव महापुराण में उमड़ रहे जनसैलाब को संभालने का पूरा जिम्मा मातृशक्ति के हाथों में है। ये सामान्य महिलाएं युवतियां नही है। ब्लैक ड्रेस में एक तरह से ब्लेक कमांडो है। जी हां महिला बाउंसर ही पूरे आयोजन का बंदोबस्त कर रही है। कथा स्थल के सातों प्रवेश द्वार ओर वीआईपी मूवमेंट्स भी इन्ही की जिम्मे है। पांडाल में बैठक व्यवस्था व्यवस्थित करने से लेकर आने वाले वीआईपी भी इन्ही की देखरेख में आ जा रहे है। महाराज प्रदीप मिश्रा की प्रतिदिन कथा स्थल पर अगवानी ओर बिदाई भी इन्ही के जिम्मे है।

ये सब ब्लैक बाउंसर मातृ शक्ति के पीछे है सुनील सोनी। सोनी आयोजक संजय शुक्ला के मित्र भी है और एक सुरक्षा एजेंसी रेड आईज सिक्योरिटी एंड मैनेजमेंट भी चलाते है। ख़ुलासा से बात करते हुए सुनील सोनी बताते है कि हमने पहले ही दिन तय कर लिया था कि महिला सुरक्षा कर्मी ही रखेंगे। क्योकि कथा में उमड़ती भीड़ का 90 प्रतिशत हमारी मातृशक्ति है।

इन्हें कथा अच्छे से श्रवण करने को मिले और कोई हादसा न हो इसलिए 190 महिलाएं और युवतियों को विशेष ट्रेनिंग दी गई। मामला धर्म से जुड़ा है इसलिये ट्रेनिंग में इस बाद का ध्यान रखा कि श्रद्धालुओं से कैसे व्यवहार करना है। 5 दिन हो गए है। सब सुबह 4 बजे से देर रात तो डटी हुई है और खूब आनंद के भाव से अपनी ड्यूटी कर रही है। रोज एक लाख से ज्यादा लोग आ रहे है। महाराजजी का शुभाशीष भी इन महिला रक्षकों को मिल रहा है।