इंदौर शहर साहित्यकारों का शहर है। यहां पर भले ही किसी व्यक्ति का पेशा राइटिंग न हो, लेकिन कहीं न कहीं उसके अंदर एक लेखक जीवित रहता है। इन्हीं जिंदादिल लोगों में एक नाम आता है शहर के इंजीनियर और सफल व्यवसायी अमित नेवासकर का। अपनी जिम्मेदारियों को बखुबी निभाते हुए उन्होंने अपने अंदर के लेखक को भी जीवित रखा। उनके द्वारा लिखित पहली पुस्तक ‘पनौती, संघर्ष से बना मोती’ का विमोचन खंडवा रोड स्थित प्रसिद्ध सांई मंन्दिर में किया गया।
इस अवसर पर भजन गायक नरेंद्र उपाध्याय, खंडवा रोड साईं मंदिर सेवा संस्थान ट्रस्ट के ट्रस्टी हरीश सचदेव, राजेश छोडवानी, हेमंत जैन और अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। पुस्तक के विमोचन के दौरान खंडवा रोड स्थित साईं मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में साईं भक्त मौजूद थे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने लेखक के उपन्यास और उनके लेखन की प्रशंसा करते हुए अपनी शुभकामनाएं दीं और कहा कि “मैं ऐसे लेखन को पसंद करता हूं जो अधिक से अधिक पाठकों के बीच अपनी जगह बनाता है।”
लेखक के बारें में-
अमित नेवासकर एक इंजीनियर होने के साथ ही पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में एक उत्पादन इकाई का सफलता पूर्वक संचालन कर रहे हैं। लेखन में शुरुआत से उनकी विशेष रुचि रही हैं। वे अपनी पहली पुस्तक से साहित्यप्रेमियों के बीच में चर्चा में बने हुए है।
पुस्तक के बारे में-
“पनौती, संघर्ष से बना मोती” शीर्षक से प्रकाशित इस पुस्तक में एक लड़के के जीवन में किए संघर्ष की कहानी को सरल और सहज शब्दों में सृजन कर रोचक ढंग से लिखा गया है जो कि खास कर आज की पीढ़ी के होनहार मगर परिस्थिती के मारे हुए युवक-युवतियों के लिये प्रेरणा देने का कार्य करेगी। पुस्तक का आवरण सुन्दर है जो कि संघर्ष की कथा को बयां करता है। सरल शब्दों में लिखी ये पुस्तक संग्रहणीय है। यह पुस्तक ऑनलाइन उपलब्ध है और सीमित अवधि के लिए ये अमेजॉन किंडल पर निशुल्क उपलब्ध है। उनकी भविष्य में ऐसी ही और भी प्रेरणास्पद पुस्तकों का इंतजार रहेगा।
Source : PR