प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया भर में मिली नई पहचान, साल 2024 में बनाए 5 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड

srashti
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MP Made 5 World Records in 2024 : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, मोहन यादव, ने हाल ही में राज्य द्वारा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किए गए पांच ऐतिहासिक कीर्तिमानों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि राज्य के सांस्कृतिक समृद्धि और वैश्विक पहचान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन रिकॉर्ड्स ने मध्य प्रदेश को सांस्कृतिक ऊंचाई पर पहुंचाया है और राज्य की कला एवं संस्कृति को पूरी दुनिया में पहचान दिलाई है।

मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को मिली नई पहचान

राज्य सरकार द्वारा सांस्कृतिक संवर्धन की दिशा में किए गए प्रयासों के तहत, हर साल राज्य में विभिन्न सांस्कृतिक आयोजन आयोजित किए जाते हैं, जिनमें प्रमुख हैं – अंतर्राष्ट्रीय खजुराहो नृत्य समारोह और तानसेन समारोह। इन आयोजनों में न केवल पुराने कलाकारों का योगदान होता है, बल्कि नई पीढ़ी भी इन आयोजनों का हिस्सा बनकर संस्कृति के संवर्धन में योगदान देती है। 2023 में मध्य प्रदेश ने कथक कुंभ, गीता पाठ, उज्जैन डमरू वादन, ताल दरबार और शास्त्रीय बैंड में 5 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स स्थापित किए, जिससे राज्य की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर सराहा गया।

मध्य प्रदेश का पहला गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि 2023 में राज्य ने अपना पहला गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड तब प्राप्त किया जब ग्वालियर में तानसेन समारोह के दौरान 1282 तबला साधकों ने एक साथ वंदे मातरम की धुन पर प्रदर्शन किया। यह ऐतिहासिक आयोजन ग्वालियर किले की प्राचीर पर ‘ताल दरबार’ में हुआ, जहां शास्त्रीय संगीत के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को पूरे विश्व ने सराहा।

2024 में बने नए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स

सीएम यादव ने बताया कि 2024 में राज्य ने और भी बड़े रिकॉर्ड बनाए हैं। 20 फरवरी 2024 को, खजुराहो में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय खजुराहो नृत्य समारोह में 1484 कथक नर्तकियों ने एक साथ ‘राग बसंत’ की लय पर नृत्य किया, जिससे प्रदेश ने दूसरा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया। इसके बाद, श्रावण माह में उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के शाही मार्ग पर 1500 से अधिक डमरू वादकों ने एक साथ डमरू बजाकर तीसरा रिकॉर्ड दर्ज किया।

गीता पाठ और शास्त्रीय बैंड के रिकॉर्ड

2024 में 11 दिसंबर को, गीता जयंती के अवसर पर, 1721 आचार्यों और बटुकों ने श्रीमद्भगवद गीता के तीसरे ध्याय ‘कर्मयोग’ का सामूहिक पाठ किया, जिससे चौथा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित हुआ। इसके अलावा, तानसेन समारोह में शास्त्रीय बैंड के 546 कला साधकों ने 9 शास्त्रीय वाद्यों के साथ समर्पण गीत ‘स्वराजंलि’ प्रस्तुत किया, और यह आयोजन राज्य के नाम पांचवें गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ संपन्न हुआ। इन 9 वाद्यों में सारंगी, हारमोनियम, वायलेन, पखावज, संतूर, तबला, सरोद, बांसुरी, शहनाई और तबला शामिल थे, जिन्हें एक साथ एक सुर में बजाया गया।