इंदौर। 200 सालों से मराठा वैभव का साक्षी रहा राजवाड़ा एक बार पुनः मराठा शासकों की उपस्थिति में जगमगा उठा । सिंदखेड़ राजा से 400 किलोमीटर पैदल चल कर आयी स्वराज्य स्वाभिमान यात्रा का पथ संचलन आज राजवाड़ा से निकल कर हजारों लोगों की संख्या में जिजाऊ चौक (नंदा नगर ) पहुँचा। भारत के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि 400 किलोमीटर दूर से जन्मस्थली की माटी एवं कलश दिव्य रथ में सवार हो कर स्वराज्य जननी जिजामाता की प्रतिमा स्थापित की जा रही है। नगर भ्रमण में हजारों की संख्या में समाज जन शामिल हुए सभी समाज जन पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए।
सर्व मराठी भाषी संघ की अध्यक्ष श्रीमती स्वाति युवराज काशिद ने बताया कि* इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य सर्व मराठी भाषीय समाजजन को एकत्र करने एवं शिवाजी महाराज के हिंदवी स्वराज्य के इतिहास से अवगत करवाना है।
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इंदौर माँ अहिल्या की पावन नगरी है है यहाँ बड़ी संख्या में मराठी समाज रहता है लेकिन राजमाता जिजाऊ की कोई प्रतिमा इंदौर में अब तक नहीं थी जो स्वराज्य स्वाभिमान उत्सव के तहत स्थापित की जा रही है। जिस से केवल मराठी भाषी ही नहीं बल्कि हर एक भारत वासी को गर्व महसूस होगा।
महिलाओं द्वारा आयोजित इस 400 किलोमीटर की पदयात्रा में लगभग 400 लोग शामिल हुए जिसमे बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई । 16 दिन के बाद जब पदयात्रा इंदौर पहुंची तो इंदौर वासियों के जोश को देख कर 16 दिन की थकान दूर हो गयी। राजवाड़ा में पूजा के बाद सभी 400 यात्रियों का पद पूजन किया गया उसके बाद यात्रा नगर भ्रमण पर निकली।
इंदौर के गौरव राजवाड़ा पर विधिवत पूजन के बाद शुरू हुआ नगर भ्रमण
राजमाता जिजाऊ की जन्मस्थली सिंदखेड़ से लाये गए कलश एवं माटी की परंपरा अनुसार प्राचीन मल्हार मार्तण्ड मंदिर में पूजा – अर्चना के बाद नगर भ्रमण शुरू हुआ जिसमें होलकर वंशज श्री यशवंत राव होलकर तृतीय, महादेवानंद भारती स्वामी जी, परमानंद स्वामी जी, अण्णा महाराज, विधायक रमेश मेंदोला, विधायक आकाश विजयवर्गीय, गौरव रणदिवे के साथ स्वाति युवराज काशिद शामिल हुए।
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