देवास-उज्जैन पहुंचे स्वामी अखिलेश्वरानंद ने ली गौशालाओं की जानकारी

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उज्जैन : मप्र गोसंवर्द्धन बोर्ड की कार्यपरिषद के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने देवास और उज्जैन का प्रवास कर यहाँ की गोशालाओं की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली उन्होंने देवास जिले और उज्जैन जिले के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अधिकारियों, डाक्टर्स तथा गौशाला संचालकों की बैठक ली।

संयुक्त संचालक पशुपालन डॉ.बामनिया ने यह जानकारी देते हुए बताया कि गोसंवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा दोनों ही जिलों में नगर निगम द्वारा संचालित गोशालाओं का अवलोकन भी किया। गोशाला संचालकों ने गोशाला संचालन में आ रही कठिनाइयों का विवरण दिया तथा अपने सुझाव दिये। स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने प्रदेश में सभी जिलों में गोशालाओं के बेहतर संचालन एवं गोवंश के संरक्षण हेतु शासन की नीति एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा निर्देशित कार्य योजना की अद्यतन जानकारी गोशाला संचालकों दी।उन्होंने पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अधिकारियों व पशु चिकित्सकों को तथा बैठक में भाग लेने आये गोसेवकों को प्रदेश के किसानों की फसल सुरक्षा व गोवंश के संरक्षण के रोडमेप की जानकारी दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रदेश शासन रोडमेप के अनुरूप अपने हिस्से का काम कर रहा है। आम नागरिकों, गोपालकों एवं स्वयंसेवी संगठनों को सरकार के साथ मिलकर गोशाला सञ्चालन का कार्य सहयोग भावना से करना होगा।जनभागीदारी और जन सहयोग बहुत आवश्यक है।

प्रदेश की गोशालाओं में संरक्षित “एक लाख सत्तासी हजार गोवंश 627गोशालाओं में आमजनों का है।प्रदेश में मुख्यमंत्री गोसेवा योजना अन्तर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर बनायी गई, 2250 गोशालाओं में लगभग ढ़ाई लाख गोवंश संरक्षित है। यह कार्य अकेले सरकार नहीं कर सकती ,यह आमजनों के सहयोग से ही सम्भव है।सभी प्रदेश में “गोग्रास “संकलन योजना को संयुक्त प्रयास से सफल ,सार्थक और प्रभावी बनाने का प्रयास करें।प्रदेश का प्रत्येक गोभक्त,गोसेवक,गो प्रेमी, गोपालक प्रतिदिन गो ग्रास के निमित्त ₹ 10 (दस रुपये)संकलित कर वर्ष में एक बार गोशालाओं में समर्पित करे ।सरकार प्रतिदिन प्रतिगोवंश ₹20(बीस रुपया)चारा,भूसा अनुदान राशि देने प्रतिबद्ध है।