राम मंदिर संघर्ष की कहानी कैलाश विजयवर्गीय की जुबानी, कहा जन्मभूमि की रक्षा के लिए लाखों हिंदू सैनिकों ने प्राणों की आहुति दी

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कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने राम मंदिर के संघर्ष से जुड़ी 500 साल की प्रमुख घटनाएं वीडियो के माध्यम से सुना रहे हैं इस संबंध में सोशल मीडिया पर उन्होंने वीडियो पोस्ट की है, जन्मभूमि के संघर्ष की गाथा वे वीडियो श्रृंखला के माध्यम से जन जन तक पहुंचा रहे हैं।

राजा महताब सिंह ने किया जन्मभूमि की रक्षा के लिए पहला युद्ध: कैलाश विजयवर्गीय

वीडियो में कैलाश ने कहा कि जब बाबर ने पहली बार भगवान राम के जन्मस्थान पर कब्जा किया उस समय राजा महताब सिंह अपनी पौने दो लाख सेना के साथ गए और मुगलों से संघर्ष किया यह युद्ध कई दिनों तक चला, इसमें 1,75000 से ज्यादा सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। इन दरिंदों(मुगलों) ने हिंदू सैनिकों के खून को मिट्टी से मिलाकर मस्जिद बनाई थी यह सबसे दर्दनाक दृश्य है और ऐसी बहुत सी घटनाएं हैं जिन्हें समय-समय पर मैं आपको बताते रखूंगा। यह जो राम जन्मभूमि का आंदोलन जो साढे पांच सौ पहले से आरंभ हुआ इसमें कई बलिदान हुए उसमें शुरुआती और प्रथम बलिदान था राजा महताब सिंह का।


पिछली पोस्ट में कहा था कि अपने इतिहास को जानना जरूरी है, वीडियो श्रृंखला के माध्यम से सुनाऊंगा संघर्ष गाथा

पिछले वीडियो में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि आज इस इतिहास को समझना इसके महत्व को समझना कि किस प्रकार हमारे संस्कार और संस्कृति पर हमला करके हमारे आत्म स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने की कोशिश की मुगलों ने। अब राम मंदिर बनता है 500 साल बाद, हमारा आत्मसम्मान बढ़ता है, हमारे संस्कार और संस्कृति अभ्युदय हो रही है और इसलिए हमें 22 तारीख को तो उत्सव मनाना है लेकिन इसके इतिहास की जानकारी भी हमें रखना है क्योंकि यह क्षण बहुत लोगों की आहुति के बाद मिला है, मैं कोशिश करूंगा कि वीडियो के माध्यम से 500 वर्ष की प्रमुख घटनाएं आप तक पहुंचे। राम मंदिर के इतिहास को समझकर अपना भी मान सम्मान और स्वाभिमान बढ़ाएंl