सुबह की शुरुआत इतिहास के साथ: क्यों कहा गया आर्थिक तंगी को “ब्लैक ट्यूजडे”

RishabhNamdev
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“ब्लैक ट्यूजडे” का नाम ऐसे दिन को दिया गया है जब एक गंभीर घटना या अस्थिरता के कारण तंगी आई होती है, जिससे आर्थिक परिस्थितियाँ बहुत ही खराब हो जाती हैं. इसके पीछे कई ऐसे ऐतिहासिक घटनाएँ हैं जिनमें कुछ बड़ी आर्थिक संकटों के साथ ब्लैक ट्यूजडे कहा गया है।

1. 29 अक्टूबर 1929 – सहूक क्रैश:
इस दिन, 1929 में सहूक क्रैश का आगमन हुआ, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में एक भयंकर संकट आया था। इस संकट ने दुनिया भर में आर्थिक मंदी का कारण बना और लाखों लोगों को बेरोजगार कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, इसे “ब्लैक ट्यूजडे” कहा गया।

2. 6 दिसंबर 1994 – बर्मुडा का आर्थिक संकट:
बर्मुडा, एक छोटा सा आर्थिक केंद्र, ने 1994 में एक अर्थव्यवस्था की चुनौती का सामना किया, और इसके परिणामस्वरूप आर्थिक मंदी आई। इसे भी “ब्लैक ट्यूजडे” के रूप में जाना जाता है.

3. 25 मई 1977 – ब्लैक ट्यूजडे इंग्लैंड:
इंग्लैंड में 1977 के इस दिन, एक वित्तीय संकट ने आया, जिसके परिणामस्वरूप इंग्लैंड में अधिकांश बैंकों ने अपने द्वारा दी गई ऋण को पुनर्निर्धारित किया, और यह एक आर्थिक मंदी का आगमन किया।

4. 15 सितंबर 2008 – लेमन ब्रदर्स के पतन:
इस दिन, 2008 में अमेरिकी वित्तीय संस्था लेमन ब्रदर्स के पतन ने एक अधिकांश आर्थिक बाजारों को प्रभावित किया और वैश्विक आर्थिक मंदी का कारण बना, इसे भी “ब्लैक ट्यूजडे” के रूप में जाना जाता है.

इन घटनाओं ने आर्थिक संकट के समय को “ब्लैक ट्यूजडे” कहने का मौका दिया, क्योंकि इनमें संकट के दिन की शुरुआत बिना बचाव के हो गई थी और बड़ी हानि होती थी।