आर्थिक संकट से आक्रोशित जनता का विरोध प्रदर्शन श्रीलंका में थमने का नाम नहीं ले रहा है। गोटबाया राजपक्षे ने अभी तक राष्ट्रपति पद से इस्तीफा नहीं दिया है, जबकि श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के द्वारा कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में पदभार सम्हाल लिया है। गोटबाया राजपक्षे के द्वारा 13 जुलाई को इस्तीफे की घोषणा की थी जोकि अभी तक उनके द्वारा नहीं दिया गया। आक्रोशित प्रदर्शनकारी जनता द्वारा गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग थी, जोकि अबतक नहीं मिलने की वजह से हालात और ज्यादा बुरे हो गए हैं। जानकारी के अनुसार रानिल विक्रमसिंघे के कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में पद ग्रहण से भी आक्रोशित जनता खुश नहीं है।
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गोटबाया राजपक्षे मालदीव से सिंगापुर भागने की तैयारी में
आक्रोशित जनता के द्वारा उग्रप्रदर्शन की शुरुआत के बाद से ही गोटबाया राजपक्षे गायब चल रहे हैं। सबसे पहले भागकर राजपक्षे मालदीव पहुंचे और अब जानकारी के अनुसार उनके मालदीव से सिंगापूर भागने की खबर अब आ रही है। जानकारी के अनुसार पहले सामान्य विमान से जाने वाले गोटबाया राजपक्षे ने सिंगापुर सरकार से अपने लिए प्राइवेट जेट की मांग की है, ऐसा आग्रह उन्होंने अपनी सुरक्षा की दृष्टि से किया है।
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सेना भी नाकाम रही प्रधानमंत्री कार्यालय को प्रदर्शनकारियों से छुड़ाने में
जानकारी के अनुसार आर्थिक संकट से आक्रोशित जनता का विरोध प्रदर्शन किसी भी प्रकार से थमने का नाम नहीं ले रहे है। राष्ट्रपति भवन राष्ट्रपति सचिवालय और प्रधानमंत्री कार्यालय में आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने बीते दिनों से कब्जा कर रखा है। जानकारी के अनुसार श्रीलंकाई सेना प्रदर्शनकारियों को प्रधानमंत्री कार्यालय से हटाने में विफल हो गई है और वहां प्रदर्शनकारियों का कब्जा जारी है। सेना के सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए अब सड़क पर बख्तरबंद गाड़ियां उतारी गई हैं और सख्ती से निपटने का फैसला लिया गया है।