राजेश राठौर। इंदौर के मेयर के लिए अभी तक जो उठापटक चली है। उसके अनुसार डॉ निशांत खरे मेयर के उम्मीदवार होंगे। वैसे वी डी शर्मा आखिरी समय तक पुष्यमित्र भार्गव के लिए अड़े रहेंगे। कोरोना काल के समय संघ की तरफ से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को डॉ निशांत खरे का नाम दिया गया था। तब से ही यह स्पष्ट हो गया था कि संघ सरकार के जरिए खरे को भाजपा में सक्रिय करेगी। कोरोना काल के अलावा स्वास्थ शिविर लगाने के साथ ही पानी बचाओ अभियान में खरे की सक्रियता देखकर समझ में आ गया था कि उनको कोई बड़ी जवाबदारी मिलेगी। प्रशासन भी खरे को हमेशा महत्व देता रहा।
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खरे की लगातार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बातचीत होती रही। सूत्रों का दावा है कि यदि संघ ने खरे का नाम दे दिया है, तो फिर वही उम्मीदवार घोषित होंगे। वैसे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष शर्मा पुष्यमित्र भार्गव के लिए लगे हैं। शर्मा के पास भार्गव के विकल्प के रूप में मनोज द्विवेदी का भी नाम है। गौरव रणदिवे की दावेदारी मजबूत है, लेकिन उनको भी कैलाश विजयवर्गीय का खास माना जाता है। यह बात उनके लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। वैसे गौरव को संगठन महामंत्री सुहास भगत ने सीधे संपर्कों के चलते भाजपा नगर अध्यक्ष बनाया था।
संघ के सूत्रों का कहना है कि लंबे समय बाद संघ ने मेयर के लिए किसी का नाम कहा है तो फिर उनका टिकट तय है।
वैसे भी प्रदेश भाजपा इंदौर के नेताओं के झगड़े में नहीं पड़ना चाहती हैं, इसीलिए विधायक को मेयर का उम्मीदवार नहीं बनाने का फैसला भोपाल में भले ही लागू ना हो, लेकिन इंदौर में तो होगा। वैसे भी अब टिकट की जवाबदारी शिवराज और शर्मा के हाथ में दे दी है। आज रात तक टिकट तय हो सकता है।