डराने लगा स्काईमेट का पूर्वानुमान!, 6 जुलाई तक किसानों की टेंशन बढ़ाएगा मानसून, जानिए क्या है वजह

ashish_ghamasan
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नई दिल्ली। भारत में मानसून की है दस्तक देने के बाद किसानों ने अपने खेतों को तैयार करना शुरू कर दिया है। लेकिन प्राइवेट फोरकास्टिंग एजेंसी स्काईमेट वेदर ने भविष्यवाणी करते हुए किसानों की चिंता बढ़ा दी है। बताया जा रहा है कि इस बार वैसे ही मानसून 8 दिन की देरी से केरल पहुंचा है ।ऐसे में अगले 4 हफ्तों में मानसून कमजोर रहने की संभावना जताई गई है जिससे माना जा रहा है कि कहीं ना कहीं किसानों को इस समस्या से जूझना पड़ सकता है।

मानसून के कमजोर होने से बड़ी किसानों की चिंता
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत के केरल में करीब 15 जून को मानसून ने दस्तक दी थी। 8 दिन की देरी से 10 तक देने के बाद मानसून अब लगातार आगे बढ़ता जा रहा है। 20 जून तक मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में दस्तक दे सकता है, लेकिन उससे पहले किसानों की चिंता बढ़ती नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि अगले 4 हफ्तों में मानसून कमजोर रह सकता है। वही उत्तर भारत में मानसून 1 जुलाई को दस्तक देगा। यही वजह है कि सही समय पर बारिश नहीं होने की वजह से सोयाबीन और धान की फसल का उत्पादन करने वाले किसानों को थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा।

6 जुलाई तक कमज़ोर रहेगा मानसून
प्राइवेट फोरकास्टिंग एजेंसी स्काईमेट वेदर ने आगामी 6 जुलाई 2023 तक कमजोर मानसून रहने की संभावना जताई है। इससे बारिश नहीं होगी और किसानों की फसलें प्रभावित हो सकती है। केरल में मानसून के दस्तक देने के बाद किसानों ने अपने खेतों की सफाई शुरू कर दी। खेतों को तैयार करने के बाद अब किसान बारिश के इंतजार में बैठे हैं उन्हें उम्मीद है कि जल्दी ही मानसून की पहली बारिश होगी। इसके बाद वहां आसानी से अपने खेतों में सोयाबीन और धान की बुवाई कर सकते हैं।

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2022 में 62 जिले रहे थे सूखाग्रस्त
अगर हम बात साल 2022 की करें तो उत्तर प्रदेश के 62 जिलों में सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया था। ऐसे में इस साल भी ऐसी स्थिति बनने का अनुमान है। पिछले साल भी मानसून कमजोर होने की वजह से किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। किसानों की धान की फसल काफी लेट हो गई थी। यही कारण है कि उत्पादन बहुत ही कम हुआ था। ऐसे में इस बार भी प्राइवेट फोरकास्टिंग एजेंसी स्काईमेट वेदर किसानों को डराने लगा है।