Viral Video: बांके बिहारी मंदिर के पानी को चरणामृत समझकर पीने की हैरान करने वाली घटना, सोशल मीडिया पर Viral हो रहा Video

srashti
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Viral Video: सोशल मीडिया पर एक हैरान कर देने वाला वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें लोग मंदिर में दीवार से टपकने वाले पानी को भगवान के चरणों का अमृत समझकर पी रहे हैं। इस वीडियो को देखकर न केवल लोग हैरान हैं, बल्कि कुछ लोग इस पर अपनी नाराजगी भी व्यक्त कर रहे हैं। आइए जानते हैं इस वीडियो में क्या हुआ और इससे जुड़ी जानकारी।

Viral Video: मंदिर के दीवार से टपकने वाला पानी और श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया

वायरल वीडियो में दिख रहा है कि मंदिर की दीवार से एक हाथी के मुंह से पानी टपक रहा है। यह दृश्य मंदिर के भीतर भक्तों की भीड़ के बीच है, जहां कुछ लोग इस पानी को गिलास में लेकर पी रहे हैं, तो कुछ लोग इसे अपने माथे पर भी लगा रहे हैं। लोग इसे भगवान के चरणों का पवित्र जल या प्रसाद मानकर सेवन कर रहे हैं। वीडियो में एक व्यक्ति महिला से कहता है, “यह एसी का पानी है, ठाकुरजी के चरणों का पानी नहीं।” इसके बाद वह यह भी कहते हैं कि मंदिर के पुजारियों ने स्पष्ट किया है कि यह पानी भगवान के चरणों से नहीं, बल्कि एयर कंडीशनर (एसी) से आ रहा है।

Viral Video का पोस्ट और प्रतिक्रिया

यह वीडियो सोशल मीडिया के एक्स (पूर्व ट्विटर) प्लेटफॉर्म पर @BroominsKaBaap नामक अकाउंट से पोस्ट किया गया था। वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है, “गंभीर शिक्षा की जरूरत है। लोग एसी के पानी को भगवान के चरणों का अमृत समझकर पी रहे हैं।” खबर लिखे जाने तक इस वीडियो को लगभग 38 लाख से ज्यादा लोग देख चुके थे। इस वीडियो को लेकर यूजर्स की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आईं। एक यूजर ने टिप्पणी की, “अब सभी भक्त चरणामृत पीकर अमर हो गए हैं।” वहीं एक अन्य यूजर ने मंदिर ट्रस्ट को आलोचना करते हुए कहा, “कम से कम मंदिर ट्रस्ट लोगों को सावधान करने के लिए नोटिस तो लगा ही सकता था।”

यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, अब मंदिर प्रशासन और भक्तों के बीच जागरूकता बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही है। जहां एक तरफ भक्त इस पानी को भगवान का प्रसाद समझकर उसे सेवन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर यह भी साबित हो रहा है कि मंदिर में चल रहे कुछ बदलाव और व्यवस्थाओं की जानकारी सही तरीके से लोगों तक नहीं पहुँच रही है।

क्या मंदिर प्रशासन ने इसे लेकर कोई कदम उठाया है?

जब इस वीडियो की चर्चा बढ़ी, तो कुछ लोगों ने मंदिर ट्रस्ट से भी सवाल किया कि उन्होंने भक्तों को इस प्रकार की गलतफहमियों से बचाने के लिए कोई नोटिस या चेतावनी क्यों नहीं जारी की। साथ ही यह भी सुझाव दिया गया कि मंदिर के प्रशासन को ऐसी घटनाओं से बचने के लिए साफ-साफ सूचना देने के लिए बोर्ड या नोटिस लगाने चाहिए, ताकि भक्तों को भ्रमित होने से बचाया जा सके।