बुधवार को मध्यप्रदेश (Madhyapradesh) के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा (Jagdish Deora) ने वर्ष 2022-23 का बजट (Budget) पेश किया। यह बजट दकियानूसी और पूरी तरह खोखला है, जिसमें किए गए तमाम वादें पूरी तरह झूठ की बुनियाद पर टिके हुए हैं। इस दौरान की गई बातों की क्या ही बात करें, क्योंकि इनका न ही कोई सिर है और न ही कोई पैर।
हर बार एक ही तरह की बातों के जाल शिवराज सरकार के बजट में बुने जाते हैं, जो न तो कभी पूरे होते हैं और न ही कोई वजूद रखते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हाल ही में पेश बजट को लेकर शिवराज सरकार को खूब फटकार लगाई हैं, जिसकी सूचना एमपी कांग्रेस ने स्वदेसी मंच, कू के अपने आधिकारिक हैंडल के माध्यम से दी है:
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बजट पर कमलनाथ जी की प्रतिक्रिया-
हर वर्ष सरकार को हिसाब देना होता है कि रोज़गार, कृषि और बाकी के क्षेत्र में क्या-क्या किया गया। लेकिन इस बार भी बजट केवल झूठ और फरेब का तोता साबित हुआ है। ये बजट जनता को धोखा देने वाला बजट है।
— कमलनाथ
यदि कमलनाथ की मानें, तो इस वर्ष पेश किया गया बजट केवल झूठ और फरेब का पाला हुआ तोता है। यह बजट जनता को धोखा देने वाले बजट के अलावा कुछ भी नहीं है। बजट पेश करने के दौरान विरोध के रूप में कांग्रेस विधायकों ने जानकर विरोध किया। पार्टी ने बताया कि राज्य में एक साल में साढ़े पांच लाख लोग बेरोजगार हो गए। बिजली बिल के नाम पर सरकार लोगों को जेल में डाल रही है। किसान भी परेशान हैं। इस बार के बजट में न तो किसानों का ख्याल रखा गया है और न ही रोजगार के कोई अवसर हैं।
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा- बजट भाषण होने दीजिए। राज्य की जनता सुनना चाहती है। नहीं तो कांग्रेस की छवि खराब होगी। बजट के बाद आप जो भी विरोध करना चाहते हैं, करें। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विपक्ष को यह भी नहीं बताना चाहिए कि बजट का विरोध कब करना है।