मुंबई : बिहार चुनाव में एक ओर जहां नीतीश कुमार को ही पीएम मोदी ने बिहार का अगला सीएम बनाने का रास्ता साफ़ कर दिया है तो वहीं दूसरी ओर महागठबंधन के नेता चुने गए राजद के तेजश्वी यादव ने हुंकार भरते हुए कहा है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी. हालांकि तेजश्वी की यह बात तर्कहीन लगती है. क्योंकि NDA ने पूर्ण बहुमत हासिल किया है और महागठबंधन 110 सीटों पर सिमट कर रह गया है. ऐसे में नीतीश का सीएम बनने का रास्ता साफ़ है और वे 16 नवंबर को सीएम पद की शपथ ले सकते हैं. इसी बीच शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा है कि, ”नीतीश को सीएम बनाना, हारे हुए पहलवान को पदक दिलाने जैसा” है.
‘सामना’ के संपादकीय में लिखा है कि, ‘नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री का पद मिल सकता है, लेकिन उन्हें भाजपा के निर्देशों के तहत काम करना होगा. इसमें कहा गया कि भाजपा और राजद वैचारिक रूप से दो अलग-अलग दल हैं. इन्हें राज्य में सर्वाधिक वोट हासिल हुए हैं. वहीं, जदयू ने लोगों को खारिज कर दिया है. ऐसे में नीतीश कुमार को राज्य का सीएम बनाना मतदाताओं के लिए अपमान जैसा होगा. यह समारोह एक पहलवान को पदक दिलाने के लिए होगा जो लड़ाई हार गया हो.”
संजय राउत ने भी साधा था निशाना…
शिवसेना से पहले शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने भी बिहार के सीएम को आड़े हाथों लिया था. नीतीश पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा था कि, ”’मैंने सुना कि भाजपा नेता टीवी पर कह रहे हैं कि केवल नीतीश बाबू ही मुख्यमंत्री होंगे. इसके लिए नीतीश बाबू को शिवसेना का शुक्रिया अदा करना चाहिए. वादा खिलाफी बिहार में नहीं होगी, क्योंकि शिवसेना ने महाराष्ट्र में दिखा दिया था कि अगर अपने कथन पर नहीं टिका जाता तो क्या हो सकता है.”
नीतीश ने कहा था ये मेरा आख़िरी चुनाव…
बता दें कि बिहार चुनाव प्रचार के आख़िरी दिन पूर्णिया में सीएम नीतीश कुमार ने एक जनसभा को संबोधित किया था. इस दौरान नीतीश कुमार ने कहा था कि, ये मेरा आख़िरी चुनाव है. उन्होंने कहा था कि, परसो चुनाव है और ये मेरा आख़िरी चुनाव है. अंत भला तो सब भला.