उज्जैन : प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने सोमवार को प्रशासनिक संकुल भवन के सभाकक्ष में विक्रमोत्सव-2023 के आयोजन की समीक्षा बैठक की। बैठक में महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति कलावती यादव, कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, एडीएम संतोष टैगोर नगर निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पाण्डेय, सीईओ स्मार्ट सिटी आशीष पाठक, सीईओ यूडीए एवं प्रशासक महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति श्री संदीप सोनी एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
मंत्री डॉ.यादव ने बैठक में कहा कि वृहत्तर भारत की सांस्कृतिक चेतना पर एकाग्र विक्रमोत्सव-2023 इस वर्ष 18 फरवरी से 22 मार्च 2023 तक आयोजित किया जायेगा। इस बार का विक्रमोत्सव भव्य स्तर पर आयोजित किया जायेगा। महाशिवरात्रि से प्रारम्भ होकर नववर्ष प्रतिपदा तक विक्रमोत्सव का आयोजन किया जायेगा।
मंत्री डॉ.यादव ने कहा कि महाकाल महालोक के लोकार्पण के पश्चात देश और दुनिया के कोने-कोने से श्रद्धालु उज्जैन दर्शन के लिये आ रहे हैं। इस बार महाशिवरात्रि पर शिव दीपावली पूरे उज्जैन में मनाई जायेगी। इस दौरान 18 लाख दीये जलाकर भगवान महाकालेश्वर को अर्पित किये जायेंगे और वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जायेगा।
बैठक में विक्रमोत्सव-2023 के आयोजन के सम्बन्ध में विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक डॉ.श्रीराम तिवारी ने जानकारी दी कि 18 फरवरी 2023 को महाशिवरात्रि पर्व पर तथा विक्रमोत्सव के शुभारम्भ पर शिव दीपावली मनाई जायेगी। इस दौरान 18 लाख दीपक जलाये जाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उज्जैन का नाम दर्ज किया जायेगा। इसके बाद 20 से 27 फरवरी तक विक्रम कीर्ति मन्दिर सभागार में स्कूल शिक्षा विभाग और विद्या भारती के सहयोग से नाट्य प्रस्तुतियां दी जायेंगी। इसमें मध्य प्रदेश के स्कूलों से चुने गये श्रेष्ठ नाट्य की सात प्रस्तुतियां दी जायेंगी।
मंत्री डॉ.यादव ने कहा कि आगामी 21 फरवरी को विक्रमादित्य के महाकाल शीर्षक के अन्तर्गत प्रदेश के विभिन्न मन्दिरों में भगवान के श्रृंगार पर केन्द्रित प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा। इस दौरान महाकाल महालोक का परिभ्रमण भी किया जायेगा। विविध मन्दिरों में भगवान के श्रृंगार के फोटो और वीडियो बनाये जायेंगे तथा उन्हें पुरस्कार दिया जायेगा। इसके पश्चात 21 फरवरी से उज्जैन हाट, ग्रामोद्योग विभाग और वन विभाग के सहयोग से हस्त शिल्प व्यापार मेले का आयोजन किया जायेगा। इसमें ग्रामोद्योग हस्त शिल्प मेला, मालवी व्यंजन मेला और वन औषधी मेले का आयोजन किया जायेगा।
आगामी 21 से 23 फरवरी तक कालिदास अकादमी में प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास के द्वारा ‘अपने-अपने राम’ पर आधारित प्रसंग और कविताओं की प्रस्तुति दी जायेगी। 25 फरवरी 2023 से महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ, अश्विनी शोध संस्थान, मप्र जनजातीय लोककला अकादमी के द्वारा शोधपीठ कार्यालय बिड़ला भवन में शाम 7.30 बजे से प्रदर्शनी लगाई जायेगी। यह प्रदर्शनी भारतीय कृषि वैज्ञानिक, सम्राट विक्रमादित्य, विक्रमकालीन मुद्रा एवं मुद्रांक, हनुमान, पुराण कोमोदी, वृहत्तर भारत-सांस्कृतिक वैभव पर आधारित होगी।
इसके पश्चात 25 से 27 फरवरी तक विक्रम विश्वविद्यालय में महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ, महर्षि सान्दीपनि वेदविद्या प्रतिष्ठान और महर्षि पाणिनी संस्कृत वैदिक विश्वविद्यालय के द्वारा राष्ट्रीय वेद सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। मंत्री डॉ.यादव ने कहा कि शहर में वेदों का वातावरण बने, इस प्रकार यह सम्मेलन आयोजित किया जाये। सम्मेलन का आयोजन गरिमामय तरीके से हो।
बैठक में जानकारी दी गई कि 27 फरवरी को नगर पालिक निगम द्वारा ‘विक्रमादित्य का गणतंत्र’ पर आधारित देश के महापौर, स्थायी समिति अध्यक्ष, पार्षद, जनप्रतिनिधियों का राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जायेगा। इसके बाद 3 से 4 मार्च को संस्कृति विभाग धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के सहयोग से भजन मण्डलियों की प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी। मंत्री डॉ.यादव ने कहा कि यह प्रतियोगिताएं जिला स्तर पर हो।
इसके पश्चात 4 से 6 मार्च तक विक्रम कीर्ति मन्दिर सभागार में वृहत्तर भारत में संस्कृति, साहित्य और पुरातत्व, विक्रम संवत, भारतीय कालगणना की वृहद परम्परा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा। पांच मार्च को घंटाघर चौराहे पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा। 11 एवं 12 मार्च को विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद के द्वारा कालिदास अकादमी में राष्ट्रीय युवा विज्ञान सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा।
इसके पश्चात 14 से 21 मार्च तक महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ और कालिदास अकादमी के सहयोग से विक्रम नाट्य प्रस्तुतियां, पारम्परिक नृत्य प्रस्तुतियां, रामायण व महाभारत की प्रस्तुतियां कालिदास अकादमी में दी जायेंगी। 17 से 21 मार्च तक त्रिवेणी संग्रहालय, स्वर्ण जयन्ती सभागार विक्रम विश्वविद्यालय और मल्टीप्लेक्स सिनेमा घर ट्रेजर बाजार में वृहत्तर भारत की सांस्कृतिक चेतना एवं पौराणिक विषयों पर केन्द्रित फिल्मों का अन्तर्राष्ट्रीय समारोह आयोजित किया जायेगा।
बैठक में जानकारी दी गई कि 17 से 22 मार्च तक उज्जैन में भव्य पुस्तक मेला दशहरा मैदान पर आयोजित किया जायेगा। इसमें उच्च शिक्षा विभाग, मप्र हिन्दी ग्रंथ अकादमी, मप्र जनजातीय लोककला अकादमी, महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ, स्वराज संस्थान संचालनालय और धर्मपाल शोधपीठ के सहयोग से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर केन्द्रित बहुविध पुस्तकों की प्रदर्शनी प्राच्य विषयों में केन्द्रित और स्वाधीनता संग्राम पर केन्द्रित पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई जायेगी।
इसके पश्चात 22 मार्च को सृष्टि आरम्भ दिवस वर्ष प्रतिपदा, उज्जयिनी गौरव दिवस, विक्रमोत्सव समापन कार्यक्रम और विक्रम संवत (नल) का शुभारम्भ कार्यक्रम भव्य स्तर पर आयोजित किया जायेगा। इस दौरान रामघाट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इसमें सुप्रसिद्ध पार्श्व गायिका श्रेया घोषाल एवं उनके दल के द्वारा प्रस्तुति दी जायेगी। साथ ही सुप्रसिद्ध पार्श्व गायिका इंद्रा नायक एवं उनके दल द्वारा भी प्रस्तुति दी जायेगी। इसके अलावा समारोह स्थल पर भव्य आतिशबाजी भी की जायेगी।
मंत्री डॉ.यादव ने इस अवसर पर कहा कि नव संवत्सर पर विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का लोकार्पण भी वराहमिहिर वेधशाला में किया जायेगा। इसमें वैदिक कालगणना, वर्तमान कालगणना, पंचांग, मुहुर्त आदि की जानकारी उपलब्ध होगी। कलेक्टर आशीष सिंह ने बैठक में कहा कि इस बार महाशिवरात्रि पर जिला प्रशासन के द्वारा पिछली बार से अधिक भव्य स्तर पर दीपोत्सव के आयोजन का प्रयास किया जायेगा। इसके लिये चार से पांच हजार वॉलेंटियर्स की अधिक आवश्यकता होगी। शहर के प्रमुख चौराहों, समस्त घाटों, प्रमुख व्यावसायिक केन्द्र और सभी घरों पर दीये जलाये जायेंगे तथा रोशनी की जायेगी। बैठक में दीपोत्सव की तैयारी के लिये कलेक्टर द्वारा मौजूद गणमान्य नागरिकों से सुझाव मांगे गये।
इस पर आयोजन समिति के सदस्यों द्वारा सुझाव दिये गये कि महाशिवरात्रि पर महाकाल महालोक में भी दीये जलाये जायें। इसके अलावा शहर के प्रमुख स्थलों, मन्दिरों में भी दीये जलाये जायें।
बैठक में विवेक जोशी, रूप पमनानी, विशाल राजौरिया, शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक राजेन्द्र गुप्त, दुर्गा शक्तिसिंह चौधरी, रवि भदौरिया, अशोक कड़ेल, संयोजक नव संवत्सर आयोजन समिति पं.नारायण उपाध्याय, कुल सचिव विक्रम विश्वविद्यालय डॉ.प्रशांत पुराणिक, वीरेंद्र कावड़िया, तरूण उपाध्याय, पं.चन्दन व्यास, डॉ.रमण सोलंकी, राजेशसिंह कुशवाह, नरेश शर्मा, कपिल यार्दे, रितेश वर्मा एवं अन्य विक्रमोत्सव आयोजन समिति के सदस्य मौजूद थे।