हर साल की तरह इस बार भी नो कार डे का आयोजन किया गया। इस दिन का मुख्य उद्देश्य पेट्रोल-डीजल की बचत करना और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना होता है। मध्यप्रदेश में भी इसे लेकर कई नेताओं, अधिकारियों और आम नागरिकों ने कार का उपयोग नहीं किया। किसी ने स्कूटी चलाई, किसी ने साइकिल का सहारा लिया तो कुछ नेताओं ने सार्वजनिक परिवहन साधनों का इस्तेमाल किया। इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा स्कूटी चलाते दिखे और महापौर पुष्यमित्र भार्गव साइकिल से सफर करते नजर आए।
मंत्री तुलसी सिलावट ने अपनाया ई-रिक्शा और बस का सफर
इंदौर के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट भी नो कार डे के मौके पर विशेष रूप से लोगों को संदेश देने के लिए अपने घर से निकले। उन्होंने अपने निवास से ई-रिक्शा में सफर शुरू किया और जनता को यह संदेश दिया कि ईंधन की बचत और प्रदूषण कम करने के लिए वैकल्पिक साधनों का उपयोग जरूरी है। इसके बाद वे ई-रिक्शा से राजवाड़ा पहुंचे। यहां से उन्होंने आगे की यात्रा के लिए बस चुनी और देवगुराड़ा तक आम लोगों की तरह बस में ही सफर किया। मंत्री को इस तरह सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करते देख मीडिया और जनता दोनों आकर्षित हुए।
भोपाल रवाना होने के लिए बदली सवारी
हालांकि, कुछ दूरी तक ई-रिक्शा और बस से सफर करने के बाद मंत्री तुलसी सिलावट ने अपनी यात्रा का तरीका बदल लिया। वे देवगुराड़ा से उतरकर सीधे अपनी कार में बैठ गए और भोपाल के लिए रवाना हो गए। यह दृश्य कैमरों में कैद हो गया और देखते ही देखते चर्चा का विषय बन गया।
उठे सवाल और मिली प्रतिक्रियाएं
मंत्री सिलावट की इस यात्रा पर सवाल उठने लगे। लोगों ने कहा कि अगर वास्तव में पर्यावरण और ईंधन बचाने का संदेश देना था तो उन्हें पूरी यात्रा वैकल्पिक साधनों से करनी चाहिए थी, न कि बीच रास्ते में कार में बैठ जाना चाहिए। हालांकि, समर्थकों का कहना था कि मंत्री ने जनता को जागरूक करने के लिए प्रतीकात्मक कदम उठाया और लोगों तक संदेश पहुंचा दिया।