7th Pay Commission: सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को 28 जून 2016 को मंजूरी दी गई थी. इसके तहत कर्मचारियों की सैलरी में 7 हजार की बढ़ोतरी करते हुए इसे 18 हजार किया गया था. इन सिफारिशों में ये भी कहा गया था कि सिर्फ 10 साल में एक बार नहीं बल्कि समय-समय पर सैलरी को रिवाइज किया जाए.
बता देंगे छठे वेतनमान में एंट्री लेवल का बेसिक पे 7000 रूपए था जिस पर 125% डीए दिया जाता था इसका मतलब बेसिक से ज्यादा दिए मिलता था और कटौती के बाद कर्मचारियों को 14757 रूपए मिलते थे. सातवां वेतनमान लागू होने के बाद ग्रॉस पे में बढ़ोतरी हुई लेकिन डीए रिवाइज कम कर दिया गया और केंद्रीय कर्मचारियों को 34% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है जो सितंबर से 38 फ़ीसदी हो जाएगा.
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7th Pay Commission के अंतर्गत नए वेतनमान में पेमेट्रिक्स के आधार पर सैलरी बनाई जाती है. पे मैट्रिक्स को फिटमेंट फैक्टर से भी जोड़ा गया है. शुरुआती लेवल के कर्मचारियों को 2.57 फ़ीसदी फिटमेंट फैक्टर के आधार पर सैलरी दी जाती है. ए मैट्रिक्स लेवल पर बेसिक सैलेरी 18 हजारों है और अधिकतम लेवल पर यह 2.5 लाख रुपए प्रति महीने है.