ग्वालियर : तीन दिवसीय प्रवास के दूसरे दिन केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार सुबह कमलाराजा कन्या (KRG) महाविद्यालय की विद्यार्थियों से संवाद किया। काव्यमय स्वागत से अभिभूत सिंधिया ने विद्यार्थियों को आत्मविश्वास हर स्थिति में उन्नत रखने का गुरुमंत्र दिया। इस अवसर पर संवाद माध्यमों से संक्षिप्त चर्चा में सिंधिया ने नई पीढ़ी से संवाद को बहुत अच्छा अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि उत्साह से भरपूर युवाओं से मिलकर उन्हें भी नए अभिनव आइडिया मिलते हैं।
जिंदगी की चुनौतियों को अपनाओ और आत्मविश्वास उन्नत बनाए रखो
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शनिवार सुबह KRG महाविद्यालय की विद्यार्थियों से मिले। विद्यार्थियों ने उनका काव्यमय स्वागत किया जिससे सिंधिया अभिभूत हो गए। इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने सारी विशिष्टजन वाली औपचारिकताएं छोड़ विद्यार्थियों से अभिभावकों की तरह संवाद किया। विद्यार्थियों ने भी सिंधिया से खुलकर सवाल किए और अपनी बात कही। केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने अपने विद्यार्थी जीवन के संस्मरण सुनाकर विद्यार्थियों को दिशा निर्धारित कर आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने युवा विद्यर्थियों से कहा–जिंदगी की चुनौतियों को अपनाओ और आत्मविश्वास कम मत होने दो सफलता आपके चरणों में होगी।
ग्वालियर का महत्व हमेशा रहा है और रहेगा, युवा पीढ़ी की प्रतिभा पर पूरा विश्वास
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने KRG महाविद्यालय की विद्यार्थियों से संवाद करते हुए बताया कि ग्वालियर प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण शहर रहा है और पूरा विश्वास है कि वर्तमान पीढी की प्रतिभा इसके महत्व को कम नहीं होने देगी। उन्होंने उदाहरण दते हुए स्मरण कराया कि ग्वालियर देश के उन आठ शहरों में से एक था जहां सी-प्लेन उतरते थे, और आज केंद्रीय नागरिक मंत्रालय सी-प्लेन यातायात के लिए नए सिरे से रणनीति बना रहा है। सिंधिया ने प्रसन्नता जताई कि अब शहर खेल की बुनियादी संरचनाओं की सुविधाओं से लैस है और प्रतिभाएं राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने लगीं हैं। उन्होंने हॉकी, शूटिंग, क्रिकेट भारोत्तोलन औऱ मार्शल-आर्ट्स में क्षेत्र की प्रतिभाओं की प्रगति पर भी प्रसन्नता प्रकट की।
केआरजी महाविद्यालय में हो राष्ट्रय स्तर के कल्चरल-फेस्ट का आयोजन
महाविद्यालय प्रबंधन ने केंद्रीय मंत्री को म्यूजिक-फेस्ट आयोजन के बारे में मार्गदर्शन चाहा तो सिंधिया ने उन्हें इसके स्थान पर राष्ट्रीय स्तर का कल्चरल-फेस्ट आयोजित करने का सुझाव दिया, जिसमें कला साहित्य व संगीत सब तरह की प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर का मंच मिल सके।